कदवा. बांस हस्तशिल्प तथा सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भागलपुर की वन प्रमंडल पदाधिकारी श्वेता कुमारी ने बांस हस्तशिल्प प्रशिक्षण शिविर का आयोजन नवगछिया के गरुड़ प्रजनन स्थल कदवा दियारा में किया. ओडिसा के मयूरभंज भालिया के प्रशिक्षक अनंत महतो और लक्ष्मीकांत ने कदवा दियारा के महिलाओं, पुरुषों और स्कूली छात्र-छत्राओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए बांस से निर्मित विभिन्न प्रकार की हस्तशिल्प बनाने का गुर सिखाया. समाजसेवी प्रशांत कुमार कन्हैया ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कला और शिल्प, पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों व पर्यावरणीय स्थिरता के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना था. लोगों को बांस से बने विभिन्न प्रकार के हैंडीक्राफ्ट, फर्नीचर, किचन के सामान जैसे प्लेट, स्पून और अन्य आकर्षक उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया. इनका इस्तेमाल स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिहाज से अन्य धातुओं से बने बर्तनों से ज्यादा फायदेमंद है. कदवा दियारा के लोगों के बनाये हस्तशिल्प उत्पादों को भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में बनने वाली सोविनियर शॉप में बेच कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकेंगे. कुछ लोगों को चयनित कर सुंदरवन में प्रशिक्षित किया जायेगा. आयोजन को सफल बनाने में वनपाल सोनी कुमारी, वनरक्षी अनुराधा सिन्हा, वनरक्षी कल्पना कुमारी, वनरक्षी अजीत कुमार, बंबू आर्टिस्ट चंदन कुमार, गरुड़ सेवियर्स राजीव कुमार, दीपक कुमार, प्रिंस प्रभात, गंगा प्रहरी संतोष कुमार, संजीव कुमार, जीविका दीदी ज्योति देवी, राहुल कुमार के साथ गरुड़ सेवियर्स, गरुड़ गार्जियन, गरुड़ सेविकाओं, जीविका दीदियों व स्कूली बच्चों ने गुर सीखे.
कदवा दियारा में बांस हस्तशिल्प का प्रशिक्षण
कदवा दियारा में बांस हस्तशिल्प का प्रशिक्षण
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