-एकेयू से संबद्ध महाविद्यालयों के साथ कुलपति की अध्यक्षता में हुई बैठक
संवाददाता, पटनाआर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू) में नये सत्र से केंद्रीयकृत नामांकन प्रणाली अपनायी जायेगी. इसके साथ अब कोई भी निजी कॉलेज बिना यूनिवर्सिटी के परमिशन से एडमिशन नहीं ले सकते हैं. एकेयू द्वारा जारी एकेडमिक कैलेंडर को ही सभी निजी संस्थानों को फॉलो करना होगा. ये बातें बुधवार को विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालयों के निदेशक, प्राचार्य व सचिव की बैठक में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कही. इंडक्शन मीट की अध्यक्षता कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने की. बैठक में केंद्रीयकृत नामांकन प्रणाली के विकास, विश्वविद्यालय स्तर पर पीएचडी पाठ्यक्रम व पीएचडी को आरंभ करने, सभी पाठ्यक्रम के अपग्रेडेशन, नैक तथा एनबीए, केंद्रीकृत डिजिटल लाइब्रेरी इत्यादि पर बातें हुईं. कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कुल पांच स्कूलों में नामांकन सत्र 2024-25 में प्रारंभ किया जा रहा है. निजी कॉलेज विवि के बारे में जानकारी दें. पीजी कोर्स में एडमिशन के लिए एकेयू भेंजे. इसके साथ-साथ निजी कॉलेज जहां ग्रेजुएशन की पढ़ाई चल रही है वो पीजी की पढ़ाई शुरू कराएं. जो पीजी की पढ़ाई करा रहे हैं, वे पीएचडी करायें. अच्छे शिक्षक व अच्छे प्राचार्य की नियुक्ति कर शिक्षा का बेहतर माहौल तैयार करें. स्टूडेंट्स को बेहतर सुविधा मिले. पीएचडी के लिए स्टूडेंट्स बिहार से बाहर न जाएं, यह हम सभी को देखना होगा. यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स की संख्या बढ़े. कुलपति ने कहा कि एकेयू में जल्द ही प्लेसमेंट सेल का गठन होगा. यूजीसी के 12बी में रजिस्ट्रेशन प्रक्रियाधीन है. विश्वविद्यालय की ओर से एकेडमिक कैलेंडर का निर्माण किया जा चुका है, जिसे शीघ्र वेबसाइट पर जारी कर दिया जायेगा.
शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक गतिविधि पर रहेगा फोकस
बैठक को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ शंकर कुमार ने कहा कि बैठक को बुलाने का मूल उद्देश्य अकादमिक तथा प्रशासनिक सुधार पर परिचर्चा करना था. उद्देश्य व परिचर्चा के अंतर्गत विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को मजबूती देना, विश्वसनीयता में वृद्धि, नयी शिक्षा नीति के तहत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक गतिविधि पर जोर, नयी शिक्षा नीति को पूर्णतः लागू किया जाना, नैक महाविद्यालयों द्वारा दूसरे महाविद्यालय को मदद करना है. सभी संस्थानों को अपनी वेबसाइट पर सभी जानकारी, एकेडमिक कैलेंडर और विश्वविद्यालय की वेबसाइट का लिंक अवश्य रूप से जारी करने को कहा गया है. कार्यक्रम में निजी कॉलेजों के निदेशकों ने भी अपने सुझाव दिये.