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लोकतंत्र के महापर्व में अब झूमकर निकलते हैं उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के वोटर

लोकतंत्र के महापर्व में अब झूमकर निकलते हैं उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के वोटर

राकेश वर्मा, बेरमो : गिरिडीह संसदीय क्षेत्र अंतर्गत डुमरी, पीरटांड़, नावाडीह और गोमिया प्रखंड के अधिकतर बूथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में आते हैं. पीरटांड़ प्रखंड के लगभग सभी बूथ अतिसंवेदनशील की श्रेणी में आते हैं. डुमरी की 15, नावाडीह की नौ पंचायत और गोमिया की 20 पंचायतें उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में आती हैं. पूर्व के लोस व विस चुनावों में इन बूथों पर 40 फीसदी से भी कम मतदान होता था, लेकिन अब 70 फीसदी से ज्यादा मतदान होता है. डुमरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नावाडीह व चंद्रपुरा प्रखंड मिलाकर बूथों की संख्या कुल 174 हैं. इसमें नावाडीह प्रखंड में 129 तथा चंद्रपुरा प्रखंड में 45 हैं. नावाडीह प्रखंड दो पार्ट में बंटा है. नीचे घाट और ऊपरघाट. बोकारो ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड में एक समय सबसे ज्यादा उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में ऊपरघाट का इलाका शामिल रहा है. नावाडीह प्रखंड में कुल 15 पंचायतें हैं, जबकि ऊपरघाट में नौ. इसके अलावा चंद्रपुरा प्रखंड में भी कुल नौ पंचायतें हैं. झारखंड में प्रखंडों के पुनर्गठन के समय चंद्रपुरा प्रखंड का सृजन किया गया था, जिसमें डुमरी विधानसभा क्षेत्र की कुल नौ पंचायतों को चंद्रपुरा प्रखंड में शामिल किया गया था. नावाडीह प्रखंड के कुल 15 पंचायत में बूथों की संख्या 84 तथा ऊपरघाट की नौ पंचायतों में बूथों की संख्या 45 है. ऊपरघाट के सभी बूथ अतिसंवेदनशील श्रेणी में आते हैं. एक समय था जब ऊपरघाट के इलाके में विधानसभा व लोकसभा चुनाव के समय नक्सलियों के दहशत के कारण ग्रामीण वोट देने से वंचित रहते थे. लेकिन एक दशक से अब इन इलाकों के ग्रामीण लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेने झूम कर निकलते हैं. अब इन क्षेत्रों में नक्सलियों का खौफ नहीं के बराबर दिखता है. नावाडीह प्रखंड के नीचे घाट में कुल 15 पंचायतें हैं. इसमें खरपीटो, पोटसो, सुरही, अहारडीह, नावाडीह, भलमारा, चपरी, बिरनी, चिरुडीह, सहरिया, भंडरा, बाराडीह, दहियारी, गुंजरडीह एवं परसबनी शामिल हैं. नावाडीह प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित कुल नौ पंचायतों में कंजकीरो, पलामू, गोनियाटो, नारायणपुर, काछो, मुंगो-रांगामाटी, पोखरिया व बरई शामिल हैं. चंद्रपुरा प्रखंड की नौ पंचायतों में चंद्रपुरा, बंदियो, नर्रा, अलारगो, तारानारी, पपलो, तंरगो, तेलो पश्चिमी, तेलो मध्य, तेलो पूर्वी शामिल हैं. डुमरी विस क्षेत्र के उत्तराखंड के 69 बूथ भी हैं अति संवेदनशील गिरिडीह संसदीय क्षेत्र अंतर्गत डुमरी विधानसभा क्षेत्र में कुल बूथों की संख्या 373 है. डुमरी प्रखंड में बूथों की संख्या 199 है. इसमें डुमरी प्रखंड अंतर्गत उत्तराखंड में कुल 15 पंचायत हैं. पहले इसमें 12 पंचायतें थी. इन 15 पंचायत में बूथों की संख्या 70 के करीब है जो अति संवेदनशील की श्रेणी में आते हैं. उत्तराखंड की सभी 15 पंचायत उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में आते हैं. गोमिया प्रखंड की 36 पंचायतों के 194 में 112 बूथ संवदेनशील गोमिया विस क्षेत्र में बूथों की संख्या 341 है. इसमें 60 फीसदी अतिसंवेदनशील तथा 25 फीसदी संवेदनशील हैं. गोमिया प्रखंड की कुल 36 पंचायतों में संवेदनशील बूथों की संख्या 112 है. 36 पंचायतों में 50 फीसदी इलाका अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में पड़ता है. इसमें चतरोचट्टी थाना क्षेत्र की हुरलूंग, बड़की सीधावारा, चुट्टे, चतरोचट्टी पंचायत, कर्री, लोघी पंचायत, बड़की चिदरी, जगेश्वर बिहार थाना-रहावन ओपी अंतर्गत तिलैया पचमो, कुंडा, महुआटांड़ थाना क्षेत्र-ललपनिया ओपी अंतर्गत कोदवाटांड़, धवैया, ललपनिया, धवैया, कंडेर, बड़की पुन्नू, बारीडारी, टिकाहारा पंचायत आदि इलाका शामिल हैं. गोमिया थाना क्षेत्र अंतर्गत तुलबूल सियारी पंचायत उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में आता है. झूमरा का इलाका पचमो पंचायत में पड़ता है. गोमिया के उग्रवाद प्रभावित बूथों पर भी पिछले डेढ़ दशक से 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हो रहा है. पहले इन सभी पंचायतों में 40-45 फीसदी से भी कम वोट पड़ता था. पहले वोट में हिस्सा लेने वाले ग्रामीणों को नक्सलियों का भी कहर झेलना पड़ता था. लेकिन अब इन क्षेत्रों से नक्सली फरमान वोटरों के बीच से गायब सा हो गया है. पिछले चुनावों में ऐसा रहा मतदान प्रतिशत वर्ष 201966.09 प्रतिशत वर्ष 201464.25 प्रतिशत वर्ष 200945.98 प्रतिशत वर्ष 200454.42 प्रतिशत

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