Lok Sabha Elections: मिथिलेश,पटना. राजद द्वारा अपने 22 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दिये जाने के बाद राज्य की अधिकतर लोकसभा क्षेत्रों में आर-पार की लड़ाई की तसवीर बनने लगी है. पूर्णिया के बाद राज्य की दो सीटें सारण और पाटलीपुत्र पर भी देश-दुनिया की निगाहें आकर ठहर गयी हैं. सारण लोकसभा की सीट से पूर्व सीएम राबड़ी देवी को जीत नहीं मिल पायी है. इस बार पार्टी ने लालू-राबड़ी की दूसरी बेटी डॉ रोहिणी आचार्या को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. रोहिणी के सामने मां राबड़ी देवी की हार का बदला लेने की चुनौती होगी.
रूडी से हार के बाद राबड़ी ने नहीं लड़ा चुनाव
राबड़ी देवी को राजद ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सारण से उम्मीदवार बनाया था. राबड़ी देवी भाजपा के राजीव प्रताप रूडी से करीब चालीस हजार से अधिक मतों से पराजित हो गयी थीं. इस बार भी भाजपा ने सारण की सीट से राजद की रोहिणी आचार्या के मुकाबले राजीव प्रताप रूडी को ही उम्मीदवार बनाया है. मीसा और राेहिणी के उम्मीदवार घोषित कर दिये जाने के बाद लालू परिवार की राजनीति में यह छठी इंट्री है. राबड़ी देवी विधान परिषद की सदस्य हैं. उनके दो बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव विधानसभा के सदस्य हैं.
पाटलीपुत्र में रंजन यादव ने हराया था लालू प्रसाद को
मीसा भारती राज्यसभा की सदस्य हैं और खुद लालू प्रसाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और रेल मंत्री रह चुके हैं. सारण से सटी हुई सीट पाटलीपुत्र है. यहां लालू-राबड़ी की बड़ी बेटी डॉ मीसा भारती उम्मीदवार बनायी गयी हैं. 2008 के परिसीमन के बाद पाटलीपुत्र सीट अस्तित्व में आया है. 2009 के चुनाव में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यहां से उम्मीदवार हुए थे. एनडीए ने उनके मुकाबले जदयू के रंजन प्रसाद यादव को यहां से उम्मीदवार बनाया था. रंजन प्रसाद यादव और लालू प्रसाद दोनों पुराने मित्र रहे थे. लेकिन, चुनावी जंग में लालू प्रसाद करीब पचीस हजार से अधिक मतों से पराजित हो गये. फिर लालू प्रसाद ने दोबारा पाटलीपुत्र का रुख नहीं किया.
दो बार चुनाव हार चुकी है मीसा
इसके बाद से 2014 और 2019 के आम चुनाव में पाटलीपुत्र लोकसभा सीट से मीसा भारती राजद की उम्मीदवार बनायी गयीं, लेकिन दोनों ही चुनावों में उन्हें जीत नहीं मिल पायी. इस बार एकबार फिर तीसरी बार मीसा भारती को राजद ने यहां से उम्मीदवार घोषित किया है. उनके सामने भी पिता लालू प्रसाद की हार का बदला लेने की चुनौती है. मीसा भारती के मुकाबले भाजपा ने इस बार भी रामकृपाल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. मालूम हो कि रामकृपाल यादव 2014 के चुनाव के पहले तक लालू प्रसाद के कोर टीम के सदस्य हुआ करते थे. पाटलीपुत्र लोकसभा चुनाव लड़ने के मुद्दे पर रामकृपाल यादव राजद से अलग हुए. भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया और उन्होंने लगातार दो बार पाटलीपुत्र से जीत हासिल की.
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शरद के बेटे शांतनु को नहीं मिल सका टिकट
लाल-राबड़ी की दोनों पुत्रियों को इस बार उम्मीदवार बनने का अवसर तो मिल गया, पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व शरद यादव के पुत्र शांतनु को मधेपुरा लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने का मलाल रह गया. शांतनु ने ट्वीट कर कहा कि पिता का साया नहीं रहने से उन्हें नुकसान हुआ है. मधेपुरा की सीट पर राजद ने पूर्व सांसद रमेंद्र कुमार रवि के बेटे प्रो चंद्रदीप को अपना उम्मीदवार बनाया है.