लातेहार. सरहुल पर्व हमें प्रकृति से जोड़ता है. सरहुल के मौके पर हम सभी को प्रकृति की रक्षा करने का संकल्प लेने की जरूरत है. उक्त बातें लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम ने कही. वे गुरुवार को आदिवासी वासाओड़ा में सरना समिति द्वारा आयोजित सरहुल महोत्सव को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरहुल जल, जंगल व जमीन से जुड़ा हुआ पर्व है. आइटीडीए निदेशक प्रवीण गगराई ने कहा कि जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. आदिवासी समुदाय समूह में विश्वास रखता है और यही हमारी परंपरा है. जिप सदस्य विनोद उरांव ने कहा कि महुआ चुनने के लिए जंगल में आग नहीं लगाये. इससे जंगल नष्ट हो रहा है. सभा के बाद वासाओड़ा से सरहुल शोभायात्रा निकाली गयी. इस अवसर पर सीओ अरविंद देवाशीष टोप्पोे, सरना समिति के अध्यक्ष पहलु उरांव, सचिव बिरसा मुंडा, कोषाध्यक्ष रंथु उरांव, एनआरइपी के कार्यपालक अभियंता प्रदीप सिंह, निवर्तमान नगर अध्यक्ष सीतामनी तिर्की, मुखिया अनिता देवी, तुलेश्वर उरांव, रिंकू कच्छप, आर्सेन तिर्की, रमेश उरांव, रामप्रवेश उरांव, शांति देवी, सुरेंद्र उरांव, मोहन लोहरा, मोती उरांव, विनोद लोहरा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
रहुल पर्व हमें प्रकृति से जोड़ता है : बैद्यनाथ राम
सरहुल पर्व हमें प्रकृति से जोड़ता है. सरहुल के मौके पर हम सभी को प्रकृति की रक्षा करने का संकल्प लेने की जरूरत है. उक्त बातें लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम ने कही.
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