गुठनी. आगामी लोकसभा चुनाव में तीरबलुआ गांव हर साल बाढ़ और प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान मुख्य मुद्दा है. सरयू नदी किनारे बसे इस गांव को हर साल कटाव, बाढ़, बारिश, सूखे का सामना करना पड़ता है. बावजूद यहां के लोगों को किसी भी तरह का सरकारी और आर्थिक सहायता नहीं मिल पाता है. वहीं कटाव से उन्हें फसलों, घरों, झोपड़ी, पशुओं, अनाज, जमीन, पेड़ पौधे का भी काफी नुकसान होता है. हालांकि कई बार शिकायत के बावजूद भी अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते. सीओ विकास कुमार का कहना है कि मेरे आने के बाद इस तरह की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. बावजूद मौके पर पहुंच कर मैं खुद जांच करूंगा.
तीरबलुआ में बाढ़, सुखाड़ व प्राकृतिक आपदा होगा लोकसभा चुनाव का मुद्दा
सरयू नदी किनारे बसे तीरबलुआ गांव को हर साल कटाव, बाढ़, बारिश, सूखे का सामना करना पड़ता है. स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि व अन्य मूलभूत सुविधाओं का नहीं मिल पाता लोगों को कोई लाभ, लगभग 253 परिवार मछली पकड़ने पर आज भी है निर्भर.
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