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पॉलिटेक्निक के छात्रों के लिए अनिवार्य किया गया कम्यूनिटी बेस्ड प्रोजेक्ट

राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में चल रहे डिप्लोमा कोर्स के सिलेबस में बड़ा बदलाव किया गया है. झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) द्वारा गठित हाइ लेबल कमेटी ने इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है.

रांची (संजीव सिंह). राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में चल रहे डिप्लोमा कोर्स के सिलेबस में बड़ा बदलाव किया गया है. झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) द्वारा गठित हाइ लेबल कमेटी ने इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है. साथ ही विवि ने इसे लागू भी कर दिया है. इस बदलाव के तहत अब डिप्लोमा के प्रत्येक विद्यार्थी को कम्यूनिटी बेस्ड प्रोजेक्ट तथा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट अनिवार्य किया गया है.

कम्यूनिटी बेस्ड प्रोजेक्ट के तहत विद्यार्थियों को फील्ड में जाकर समाज के बीच विकास कार्य, ड्रेनेज, पानी समस्या, साक्षरता आदि विषय पर गहन अध्ययन कर समस्या व उसके समाधान से संबंधित प्रोजेक्ट तैयार करने होंगे. विवि द्वारा लागू सिलेबस को इंडस्ट्री ओरिएंटेड बनाया गया है. विवि के कुलपति प्रो डीके सिंह के अनुसार पहली बार डिप्लोमा कोर्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) को शामिल किया गया है. इसके अलावा विद्यार्थियों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा को शामिल किया गया है. इतना ही नहीं नये पाठ्यक्रम के अनुसार अब विद्यार्थियों के लिए ऑडिट कोर्स शुरू किया गया है. इसके तहत प्रत्येक विद्यार्थी एक अतिरिक्त भाषा पढ़ना अनिवार्य होगा. इसके लिए क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है. विद्यार्थी को खेल के साथ-साथ एनएसएस, एनसीसी, योगा, पेंटिंग्स, म्यूजिक, आर्ट, डांस आदि में भाग लेना अनिवार्य किया गया है. कुलपति ने बताया कि प्रत्येक कॉलेज में हैप्पीनेस कोर्स चलाया जा रहा है. इसकी शुरुआत कैंब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सीआइटी) से की गयी है. पूरे कोर्स को इंडस्ट्री की डिमांड के आधार पर बनाया गया है. इसके लिए सभी कॉलेजों को इंडस्ट्री से जोड़ा जा रहा है. इससे विद्यार्थियों को रोजगार मिलने में मदद मिल जायेगी. विद्यार्थियों को अब प्रत्येक वर्ष इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग में शामिल होना अनिवार्य किया गया है. जो क्रेडिट बेस्ड होगा.

विद्यार्थियों को गणित में भी करना होगा प्रैक्टिकल

पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों के लिए पहली बार गणित में प्रैक्टिकल शुरू किया जा रहा है. विद्यार्थियों को पैथन के माध्यम से प्रैक्टिकल करना होगा. इससे संबंधित परीक्षा में शामिल होना होगा. शिक्षकों को अप टू डेट रखने के लिए कमेटी की अनुशंसा पर विवि ने प्रत्येक शिक्षक को छह माह की ट्रेनिंग दी जायेगी. यह प्रशिक्षण आइआइटी मद्रास के गौरव रैना देंगे.

हाइ लेबल कमेटी में टाटा स्टील, आइआइटी, डीवीसी, सेल, टीसीएस, बीआइटी के विशेषज्ञएनइपी के तहत पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों के सिलेबस में बदलाव के लिए बनी कमेटी में बड़ी-बड़ी कंपनियों व संस्थान के विशेषज्ञ शामिल थे. कुलपति प्रो डीके सिंह के अलावा इस कमेटी में टाटा स्टील के डीएन झा, अनिल सिंह, टीसीएस में रहे डॉ बालकृष्ण वर्णवाल, डीवीसी के धर्मेंद्र शर्मा, मेकॉन के एके झा, सेल के सीडी सिंह, आशीष गुप्ता, संजय कुमार, बीआइटी सिंदरी के बीडी यादव, उपेंद्र प्रसाद, सीएमआरआइ के एसके कश्यप, रांची विवि से डॉ मिथिलेश कुमार सिंह, आइआइटी धनबाद के डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह, दिल्ली स्किल विवि की दीपाली बंसल आदि शामिल थे.

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