23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

न्याय के टीले से अब जनता की अदालत में : जजों का राजनीति में जाने का काफी पुराना है सिलसिला

न्याय के टीले से जनता की अदालत में : जजों का राजनीति में जाने का काफी पुराना है सिलसिला. हाल ही में कलकत्ता हाइकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा के टिकट पर पश्चिम बंगाल के तमलुक से चुनाव लड़ रहे हैं.

जजों के राजनीति में जाने का सिलसिला पुराना है. हाल ही में कलकत्ता हाइकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय जज के पद से इस्तीफा देकर भाजपा के टिकट पर पश्चिम बंगाल के तमलुक से चुनाव लड़ रहे हैं.

वह अपने फैसलों व टिप्पणियों को लेकर लगातार चर्चा में बने रहे, लेकिन इस समय उनका चुनावी राजनीति में प्रवेश न्यायिक-प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है. माननीयों को राजनीति में जाना चाहिए या नहीं, यह बहस का मुद्दा रहा है, लेकिन न्याय का टीला (कोर्ट) छोड़ कर राजनीति में प्रवेश का सिलसिला नया नहीं है.

ये सक्रिय राजनीति में हुए शामिल

इंदिरा गांधी सरकार में कानून मंत्री रहे एचआर गोखले व पी शिवशंकर, जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री रहे डीडी ठाकुर न्यायाधीश पद से इस्तीफा देकर राजनीति में उतरे.

Also Read : Lok Sabha Election: जस्टिस अभिजीत गांगुली के राजनीति में एंट्री से पहले गरमाई सियासत, संजय राउत ने कसा तंज, कहा- पार्टी के लिए…

जज जो मंत्री या मुख्यमंत्री बने

  • एमसी छागला : बॉम्बे हाइकोर्ट व अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जज रहे. 1963 में सांसद और जवाहरलाल नेहरू सरकार में मंत्री बने.
  • बहरूल इस्लाम : सुप्रीम कोर्ट के जज के पद से इस्तीफा देकर बारपेटा (असम) लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बने.
  • केएस हेगड़े : 1973 में वरीयता लांघ कर जस्टिस एएन रॉय को सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने पर जज का पद छोड़ा. जनता पार्टी के टिकट पर बेंगलूरु नॉर्थ सीट से चुनाव जीत कर लोकसभा स्पीकर बने.
  • गुमानमल लोढ़ा : राजस्थान हाइकोर्ट में जज और गुवाहाटी हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस रहने के बाद राजस्थान की पाली लोकसभा सीट से तीन बार भाजपा सांसद चुने गये.
  • विजय बहुगुणा : विजय बहुगुणा ने 1995 में बॉम्बे हाइकोर्ट के जज पद से इस्तीफा दिया और बाद में सांसद और उत्तराखंड के सीएम रहे.

राज्यसभा जाते रहे हैं पूर्व जज

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के अगुआ चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और पूर्व चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्र उड़ीसा से कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य रहे.

राष्ट्रपति नहीं बन पाये कोई भी पूर्व जस्टिस

दलों की सामान्य चुनावी राजनीति से अलग देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के लिए पूर्व न्यायाधीश चुनाव लड़ते रहे हैं. अभी तक कोई पूर्व जस्टिस राष्ट्रपति नहीं बन पाये हैं. नेता से जज बने वीआर कृष्णा अय्यर ने सुप्रीम कोर्ट जज रहने के बाद 1987 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गये.

Also Read : पश्चिम बंगाल : कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने अपने पद से दिया इस्तीफा

कुछ ने की राजनीति से तौबा, फिर बने जज

राजस्थान में जयपुर से पहले सांसद रहे दौलतमल भंडारी राजनीति छोड़ राजस्थान हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे. बॉम्बे हाइकोर्ट के जस्टिस वीएम तारकुंडे रेडिकल डेमोक्रेटिक पार्टी (आरडीपी) के पदाधिकारी रहे. दिल्ली हाइकोर्ट के जस्टिस राजिंदर सच्चर भी जज बनने से पहले राजनीति में थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें