Whooping Cough Outbreak: काली खांसी का प्रकोप दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है. इससे कई लोगों की मौत भी हो गई है इस साल की शुरुआत के दिनों महीने में चीन में काली खांसी से 13 लोगों की जान जा चुकी है और 32 हजार 380 मामले भी सामने आए हैं. दरअसल गर्मी के दिनों में सबसे अधिक लोग गीली खांसी से परेशान हैं, लेकिन इस बीच काली खांसी भी तेजी से देशभर में फैल रही है. इससे लोगों की मौत भी हो रही है. चीन, अमेरिका आदि देश में काली खांसी के मामले भी सामने आ रहे हैं. आइए जानते हैं क्या है काली खांसी, लक्षण और इलाज…
क्या है काली खांसी?
आप गीली खांसी के बारे में तो जानते होंगे लेकिन क्या आप काली खांसी के बारे में जानते हैं. दरअलल काली खांसी एक श्वसन संबंधी बीमारी है. जो हवा के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है. काली खांसी को आमभाषा में कुक्कुर खांसी भी कहा जाता है. जिन लोगों को काली खांसी होती है उन्हें खांसते-खांसते दम फूलने लगता है. यह खांसी बोर्डेटेला पर्ट्रुसिसि’ नामक बैक्टीरिया से होता है.
काली खांसी के लक्षण क्या है?
जो व्यक्ति काली खांसी के शिकार होते हैं उनका नाक बहना लेगता है. इसके अलावा उन्हें बुखार और उल्टी भी होती है, साथ ही थकान और सांस लेने में सबसे अधिक दिक्कत होती है. काली खांसी से संक्रमित मरीज को एप्निया यानी की सांस रुकने की भी समस्या हो जात है. हालांकि अगर समय से काली खांसी से जूझ रहे व्यक्ति का इलाज कराया जाए तो 1 से 2 महीने में रिकवरी हो सकता है.
काली खांसी का इलाज क्या है?
गौरतलब है कि गीली खांसी से कई ज्यादा खतरनाक काली खांसी है. एक्सपर्ट्स की माने तो काली खांसी एक तरह का फ्लू है संक्रमित मरीज के खांसने, छींकने से हवा में पहुंच जाता है और दूसरे व्यक्तियों में सांस के द्वारा फैल जाता है. हालांकि शुरुआत में लोग इसे अनदेखा कर देते हैं. अगर किसी को भी खांसी आ रही है तो तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें और अपना इलाज कराएं.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.