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मैंने शर्बत नहीं, तृणमूलियों का पिया प्यार : दिलीप घोष

पने विवादित बयानों व हरकतों से सुर्खियों में रहनेवाले भाजपा नेता व बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस के मंच पर जाकर शर्बत पीने और ‘जयबांग्ला’ का नारा देने पर सफाई दी.

तृणमूल के मंच पर शर्बत पीने और ‘जय बांग्ला’ का नारा लगाने पर घिरे बर्दवान-दुर्गापुर के भाजपा प्रत्याशी बर्दवान/पानागढ़. अपने विवादित बयानों व हरकतों से सुर्खियों में रहनेवाले भाजपा नेता व बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस के मंच पर जाकर शर्बत पीने और ‘जयबांग्ला’ का नारा देने पर सफाई दी. बर्दवान नगरपालिका में चुनाव प्रचार के दौरान इस बाबत पूछने पर भाजपा सांसद ने कहा कि वह चीनी या मीठा नहीं खाते. तृणमूल कांग्रेस के मंच पर जाकर मैंने जो पीया, वो असल में शर्बत नहीं, तृणमूल कांग्रेस का प्यार था. तृणमूल ने जो पेय मुझे दिया, वो बेहद मीठा था. मुझे असल में प्रेम ऑफर किया गया था, जिसे मैं पी गया. मंच पर उनकी पेशकश ठुकराने लायक नहीं थी. बकौल दिलीप घोष, “वैसे मैं चीनी या मिठाई नहीं खाता. मैंने बस उन लोगों का प्यार पिया. जो लोग मेरी गाड़ी तोड़ते थे, काले झंडे दिखाते थे, अब वे मुझे शरबत के लिए बुला रहे हैं.”””” भाजपा प्रत्याशी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस बदल रही है. इससे पहले गुरुवार को बर्दवान के तालित के पास तृणमूल के शरबत वितरण कैंप में नायाब तस्वीर देखने को मिली थी. उस तृणमूल कैंप के पास से बर्दवान-दुर्गापुर के भाजपा उम्मीदवार दिलीप घोष प्रचार करते हुए जा रहे थे. यह देख कर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उनकी कार रोक ली. दिलीप मुस्कुराते हुए कार से उतरे और तृणमूल के कैंप में चले गये. उन्हें तृणमूल कार्यकर्ताओं ने शर्बत पीने की पेशकश की. तपती गर्मी में चुनाव प्रचार की थकान मिटाने के लिए दिलीप घोष ने उस शर्बत को अपने हलक में उतार लिया. उसके बाद मंच पर लाउड स्पीकर से ‘जय बांग्ला’ का नारा भी लगा कर सबको चौंका दिया. फिर शिष्टाचार निभाते हुए और सबके स्वस्थ रहने की कामना करते हुए वह शिविर से बाहर निकल आये. शुक्रवार को दिलीप घोष ने शर्बत-शिष्टाचार को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा, “तृणमूल का शरबत काफी मीठा था. उन्होंने प्रेम से शरबत पिलाया और मैं पी गया.’ अलबत्ता, अपने आस-पास के तृणमूल कार्यकर्ताओं के इस शिष्टाचार पर दिलीप ने चुटकी लेते हुए कहा ”तृणमूल में काफी बदलाव आ गया है. ” इस बार भाजपा प्रत्याशी ””गांधीगिरी”” के अंदाज में नहीं थे. बल्कि अपने स्वाभाविक अंदाज में मीडिया से मुखातिब थे. बकौल दिलीप, “मुख्यमंत्री बस दंगों व हिंसा की बात करती हैं. भाजपा सौहार्द के साथ सब कुछ ठीक कर देगी. भाजपा को किसी चीज की जरूरत नहीं है.”””” उनके मुताबिक भाजपा का वोट ही हथियार है. हम चुपचाप बैठने नहीं आये हैं. आम चुनाव में भाजपा माकूल जवाब देगी.

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