अक्षेस, मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद और जुस्को ने घाटों से जलकुंभी हटा रही है
जमशेदपुर.
शहर में चैती छठ को लेकर जमशेदपुर अक्षेस, मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद और जुस्को ने सुवर्णरेखा नदी तट के प्रमुख घाटों से जलकुंभी को हटाने और घाटों तक पहुंच पथ की साफ- सफाई में जुट गयी है. सुवर्णरेखा नदी में पानी कम होने के कारण जलकुंभी उग गयी है. इससे पूरा नदी हरे मैदान की तरह दिख रही है. अभी तक पूरी तरह से नदी से जलकुंभी नहीं हट सका है. चांडिल डैम से पानी छोड़ने के बाद ही तेज बहाव में जलकुंभी हट सकती है, लेकिन पानी छोड़ने को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है.हालांकि जिला प्रशासन की कोशिश है कि शनिवार तक सभी प्रमुख छठ घाटों पर सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त कर ली जाये. शनिवार 13 अप्रैल को खरना है, जबकि रविवार 14 अप्रैल को पहला अर्घ्य और 15 को दूसरा अर्घ्य है. इसे देखते हुए नगर निकायों के साथ-साथ जुस्को ने भी सुवर्णरेखा नदी तट पर सफाई तेज कर दी है, लेकिन जलकुंभी अभी तक नहीं हट सकी है, जबकि घाटों की साफ-सफाई से लेकर घाटों तक पहुंचने वाले रास्ते को समतल करने का कार्य लगभग पूरा हो गया है. सोनारी दोमुहानी घाट में साफ-सफाई ठीक है. सोनारी दोमुहानी घाट में नीचे उतरने के लिए सीढ़ी बनी हुई है, लेकिन घाट पर जाने के रास्ते में काफी ढलान है. बारीडीह घाट की स्थिति ठीक-ठाक कहा जा सकता है, लेकिन घाट के पास अभी भी कचरा फैला हुआ है. मानगो की तरफ घाटों पर जलकुंभी का अंबार लगा हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि कल तक सभी छठ घाटों को दुरूस्त कर लिया जायेगा. इसके अलावा छठ घाटों पर लाइटिंग की भी व्यवस्था की जा रही है. कार्तिक मास के छठ की तुलना में चैती छठ पूजा कम होती है, बावजूद शहर में 20 से अधिक छोटे-बड़े घाटों पर श्रद्धालु अर्घ्य देने पहुंचते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ सुवर्णरेखा नदी घाट, भुइयांडीह पांडेय घाट, डिमना लेक (मानगो) और हुडको (टेल्को), सोनारी के दोमुहानी घाट, सिदगोड़ा सूर्य मंदिर, बारीडीह में भोजपुर घाट पर बागबेड़ा में बड़ौदा घाट सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालु जुटते हैं.