13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ढेबादेरी में 1978 से शुरू हुई थी चैती दुर्गा पूजा

गांव में चंदा कर 1100 रुपये में पहली बार पूजा हुई थी.

मयूरहंड. ढेबादेरी गांव में चैती दुर्गा की पूजा का इतिहास 46 वर्ष का है. यहां पूजा की शुरुआत वर्ष 1978 में हुई थी. उस वक्त पूजा का आकार छोटा था. ग्रामीण पति महतो, घुंघुर महतो, नूनी महतो (सभी अब स्वर्गीय) समेत कई ग्रामीणों ने जंगल से सखुआ की लकड़ी लाकर एक झोपड़ी तैयार की, जहां प्रतिमा स्थापित कर पूजा की शुरुआत की गयी थी. 1978 में गांव में चंदा कर 1100 रुपये में पहली बार पूजा हुई थी. वर्तमान समय में पूजा में लगभग तीन लाख रुपये खर्च किये जा रहें हैं. गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि यहां के लोग पहले ढाई किमी दूर शारदीय नवरात्र के अवसर पर दुर्गा पूजा करने व मेला देखने सोकी जाते थे. अधिक दूरी की वजह से गांव में चैती दुर्गा पूजा करने का निर्णय लिया गया. 80 वर्षीय सवाली प्रसाद मेहता ने बताया कि दुर्गा मंदिर ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र है. यहां दूर-दूर के ग्रामीण पूजा-अर्चना करने के लिए वासंतिक नवरात्र में पहुंचतें हैं. दुर्गा पूजा को सफल बनाने में पूजा समिति के अध्यक्ष केदार मेहता, सचिव शंभु मेहता, कोषाध्यक्ष गजाधर मेहता व समाजसेवी विक्रम मेहता समेत अन्य ग्रामीण अहम भूमिका निभा रहें हैं. पूजा को लेकर गांव में उत्साह का माहौल है. मंदिर को रंग-बिरंगी लाइट से सजाया गया है. इस वर्ष हजारीबाग कुम्हार टोली के कारीगर अशोक प्रजापति ने प्रतिमा का निर्माण किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें