रानीगंज.
अज्ञात कारण से सौर ऊर्जा परियोजना को बंद करने के खिलाफ बीते सात दिनों से चल रहा विरोध प्रदर्शन शनिवार को समाप्त हो गया. शनिवार को भी इसीएल के कुनुस्तारिया क्षेत्र, महाबीर कोलियरी और ओसीपी के परित्यक्त इलाकों में सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना शुरू की गयी है. एक निजी कंपनी की ओर से वहां घेराबंदी की जा रही थी, जिसके खिलाफ स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. उनकी मांग थी कि उस क्षेत्र में तालाब के उपयोग व शौच के लिए उन्हें जाने दिया जाये. साथ ही क्षेत्र में पीने के पानी और बिजली की आपूर्ति की मांग की गयी. इसे लेकर स्थानीय लोगों ने बाउंडरी वॉल का निर्माण कार्य रोक दिया था. कुछ लोगों ने दबी जुबान से बताया कि स्थानीय तृणमूल नेताओं के कहने पर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. कोलियरी के गेट के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी दी थी कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे निर्माण कार्य नहीं होने देंगे. हालांकि दोपहर तक विरोध प्रदर्शन जारी रखने के बाद मीडिया के समक्ष उनके प्रतिनिधियों ने अपनी मांगें रखीं, लेकिन स्थिति तब सामान्य हुई, जब पुलिस अधिकारी वहां पहुंचे और आश्वासन दिया कि प्रदर्शनकारियों की मांगों पर नेताओं से बात करके मसले का हल निकाला जायेगा. इसके बाद शनिवार दोपहर उस हिस्से में चहारदीवारी बनाने का काम फिर से होने लगा. हालांकि, इतनी घटनाएं होने के बाद भी निर्माणकारी कंपनी के नुमाइंदे इस बाबत कुछ भी कहने से बच रहे हैं. लेकिन सवाल है कि स्वच्छ व निर्मल बंगाल बनाने के लक्ष्य को लेकर चल रहे अभियान के बीच ऐसी अनुचित मांग क्यों है.