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आवेदन में दी गलत जानकारी, चार शिक्षकों की गयी नौकरी

लगातार फर्जी शिक्षक पकड़े जा रहे हैं.

औरंगाबाद. बिहार लोक सेवा आयोग के तहत दूसरे चरण की हुई अध्यापक नियुक्ति में लगातार फर्जी शिक्षक पकड़े जा रहे हैं. फरवरी महीने में भी शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच में त्रुटि मिली थी और 49 शिक्षक अयोग्य पाये गये थे. इन शिक्षकों की नौकरी पर अभी तलवार लटक ही रही थी कि अब एक बार फिर से चार फर्जी शिक्षक पकड़े गये हैं. दूसरे विषय से सीटेट पास तथा अन्य विषय से स्नातकोत्तर के आधार पर ये चारों बहाल हो गये थे. जांच में यह गड़बड़ी उजागर होने के बाद इन चारों शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गयी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुमोदन के बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना दया शंकर द्वारा कार्रवाई करते हुए चारों शिक्षकों की औपबंधिक नियुक्ति रद्द कर दी गयी है. डीपीओ स्थापना द्वारा इससे संबंधित निर्देश भी जारी किया गया है. गलत तरीके से नियुक्त शिक्षकों में मदनपुर प्रखंड के एरकी कला उच्च माध्यमिक विद्यालय में नियुक्त अध्यापक नंदलाल पाल, सदर प्रखंड के नौगढ़ उच्च माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका नीतू नीलम चोरेन, गोह प्रखंड के बसावनपुर मध्य विद्यालय की शिक्षिका नम्रता पांडेय व मदनपुर के सोनडीह उत्क्रमित उच्च विद्यालय के शिक्षक प्रभात कुमार नीरज शामिल हैं. जानकारी के अनुसार, मदनपुर एरकी कला उच्च माध्यम विद्यालय में नियुक्त नंदलाल पाल व सदर प्रखंड के नौगढ़ उच्च माध्यमिक विद्यालय में बहाल नीतू नीलम चोरेन ने गलत विषय की जानकारी दी थी. ये दोनों प्राचीन इतिहास से स्नातकोत्तर हैं, लेकिन इतिहास विषय के शिक्षक के रूप में गलत जानकारी देकर नियुक्त हो गये. बताया गया कि प्राचीन इतिहास दरअसल इतिहास विषय का एक भाग मात्र है. ऐसे में विद्यालय अध्यापक विज्ञापन के आलोक में ये अहर्ता पूरी नहीं करते हैं. जबकि, आवेदन में उन्होंने यह अंकित किया है कि वे आवश्यक अहर्ता पूरी करते हैं, जो सही नहीं है. इसी तरह गोह के बसावनपुर मध्य विद्यालय में नियुक्त शिक्षिका नम्रता पांडेय व मदनपुर के सोनडीह उत्क्रमित उच्च विद्यालय के शिक्षक प्रभात कुमार नीरज अन्य विषय से सीटेट पास हैं. जबकि, अन्य विषय के शिक्षक के रूप में नियुक्त हुए है. नम्रता पांडेय गणित विज्ञान से सीटेट पास हैं, लेकिन सामाजिक विज्ञान के शिक्षक के रूप में नियुक्त हुई थी. इसी तरह प्रभात कुमार नीरज सामाजिक विज्ञान से सीटेट पास है, लेकिन गणित विज्ञान विषय के शिक्षक के रूप में नियुक्त हुए थे. जांच में पकड़े जाने के बाद पूछा गया था स्पष्टीकरण इन चारों द्वारा बीपीएससी के विज्ञापन संख्या 27/2023 के आलोक में अनुशंसित विद्यालय अध्यापकों के पदस्थापन उपरांत विभिन्न विद्यालयों में योगदन किया है. पदस्थापित विद्यालय अध्यापकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की गयी, जिसमें यह गड़बड़ी उजागर हुई. इस मामले में चारों शिक्षक-शिक्षिकाओं से विभाग द्वारा स्पष्टीकरण पूछा गया था. अब चारों के विरुद्ध कार्रवाई की गयी. आदेश में कहा गया है कि बीपीएससी द्वारा जारी विज्ञापन की शर्तों के प्रतिकूल रहने के बावजूद इन चारों द्वारा आवेदन कर विभाग को दिग्भ्रमित कर नियुक्ति पत्र प्राप्त कर लिया गया, जो विभागीय निर्देश की अवहेलना है. अहर्ता पूरी नहीं करने के कारण इन चारों की औपबंधिक नियुक्ति रद्द कर दी गयी. पूर्व में भी विषय विसंगति हुई थी उजागर औरंगाबाद जिले में बिहार लोक सेवा आयोग के तहत दूसरे चरण की हुई शिक्षक नियुक्ति में इसके पूर्व में भी विषय विसंगति तथा सीटेट में कम अंक प्राप्त करने व अमान्य संस्था से शिक्षा ग्रहण करने का मामला उजागर हुआ था. नियुक्ति के बाद से समय-समय पर सामने आ रही इन गड़बड़ियों से पूरी बहाली प्रक्रिया पर सवाल उठाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि आखिर काउंसेलिंग में जांच के बावजूद फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कैसे शिक्षक बहाल हो गये. फरवरी माह में जिले में 49 शिक्षक अयोग्य पाये गये थे. इनके शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों में त्रुटि पायी गयी थी. प्रभात खबर द्वारा 18 फरवरी के अंक में इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की गयी थी. इस मामले में भी पदाधिकारियों द्वारा अयोग्य पाये गये शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा गया था और आगे की कार्रवाई की जा रही थी.

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