Bihar Election History: मुंगेर से राणा गौरी शंकर. बदलते समय के साथ आज चुनाव प्रचार का तरीका पूरी तरह बदल गया है. दूसरी ओर राजनेताओं की कार्यशैली भी आधुनिक सुख-सुविधाओं के साथ हाईटेक हो गयी है. लेकिन देश में कई ऐसे राजनेता भी रहे, जिनकी सादगी आम जनमानस को प्रभावित करती रही. इन्हीं में से एक थे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी. 1972 में अटल जी ने विधानसभा चुनाव के दौरान मुंगेर जिले के तारापुर में टमटम में माइक बांध कर अपनी सभा के लिए खुद प्रचार किया था और फिर उसी चुनावी सभा को संबोधित किये थे.
सभा की तैयारी देख संतुष्ट नहीं हुए अटल बिहारी
अटल जी का यह प्रसंग मुंगेर के पुराने लोगों की स्मृति में आज भी जिंदा है. जनसंघ के वयोवृद्ध कार्यकर्ता शालिग्राम केसरी बताते हैं कि तारापुर से अधिवक्ता जयकिशोर सिंह 1972 में चुनाव लड़ रहे थे. तारापुर में अटल जी की चुनावी सभा तय हुई. अटल जी पहुंचे. स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी तैयारी को देख अटल जी समझ गये कि सही ढंग से प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया है. अटल जी ने कार्यकर्ताओं से कहा-‘आप लोग सभास्थल व मंच की तैयारी करें और मैं लोगों को बुलाकर आता हूं.’ एक कार्यकर्ता को लेकर अटल जी बाजार गये और माइक की व्यवस्था की. उस समय वहां टमटम आवागमन का मुख्य साधन था.
Also Read: Bihar Election History: जब मधु लिमये ने जॉर्ज फर्नांडिस से कहा- मैं पैसे की राजनीति नहीं करूंगा
टमटम में माइक बांध कर सभा के लिए पहुंचे
टमटम पर ही माइक बांधा गया और अटल जी अपने माथे पर एक गमछा का मुरैठा बांध खुद अपनी सभा का प्रचार करने लगे. कुछ देर बाद जब भीड़ सभास्थल पर पहुंची और अटल जी भाषण के लिए मंच पर आये तो लोगों ने देखा कि जो व्यक्ति टमटम से प्रचार कर रहे थे वे ही अटल बिहारी वाजपेयी हैं. भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं पार्टी के वरीय नेता कुमार प्रणय कहते हैं-‘तारापुर के फुलवरिया (बगीचा) में अटल जी की सभा हुई थी. खुद टमटम पर बैठ कर जनता के बीच अपनी चुनावी आम सभा का प्रचार करने का वाकया आज भी इस क्षेत्र के लोगों को रोमांचित करता है.’