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गेहूं के डंठलों में आग लगाने पर पहली बार लागू हुई दंडात्मक कार्रवाई

इस बार अगर गेहूं के डंठलों में आग लगायी गयी और आग लगाने वाले किसान चिह्नित कर लिये गये, तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी करायी जायेगी, जिले में यह पहली बार लागू किया जा रहा है.

भभुआ. इस बार अगर गेहूं के डंठलों में आग लगायी गयी और आग लगाने वाले किसान चिह्नित कर लिये गये, तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी करायी जायेगी, जिले में यह पहली बार लागू किया जा रहा है. इधर, रविवार को जिलाधिकारी द्वारा भी गेहूं की कटनी की गयी और किसानों को गेहूं के ठंडलों में आग नहीं लगाने का संदेश दिया गया. गेहूं की कटनी को लेकर जिलाधिकारी भभुआ प्रखंड के बारे गांव में पहुंचे. वहां जीतेंद्र सिंह यादव के खेत में लगे गेहूं को डीएम ने स्वयं हंसुआ से काटा. मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण सहित अन्य सरकारी कर्मी भी मौजूद थे. गेहूं कटनी के बाद जिलाधिकारी ने गेहूं के खेती के बारे में किसानों से बातचीत भी की. इधर, इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण ने बताया कि डीएम ने किसानों को गेहूं के डंठलों में आग नहीं लगाने की सलाह दी. डीएम ने कहा कि किसान डंठलों को काट कर उनका भूसा बनायें, उन्हें जलाने की जरूरत नहीं है. क्योंकि, सरकार किसानों को अनुदानित दर पर कृषि यंत्र भी उपलब्ध करा रही है. जिसकी सहायता से किसान डंठलों का भूसा बना कर उसे बाजार में बेच सकते या स्वयं उपयोग कर सकते हैं. अगर किसान डंठलों में डीएम द्वारा किसानों से जैविक खेती पर बल दिये जाने की भी बात कही. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि इस बार डंठलों में आग लगाने वाले किसानों का सिर्फ तीन साल के लिए रजिस्ट्रेशन ही लॉक नहीं किया जायेगा, बल्कि आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जायेगी. उन्होंने बताया जो किसान अपने गेहूं के डंठल में आग लगायेंगे, उन किसानों के खिलाफ दंड संहिता के नियम के अनुसार निरोधात्मक कार्रवाई की जायेगी. कृषि विभाग डंठलों में आग लगाने वाले किसानों को चिह्नित करेगा और उनकी सूची एसडीएम कोर्ट को उपलब्ध करायेगा. एसडीएम कोर्ट द्वारा निरोधात्मक कार्रवाई आरंभ करायी जायेगी और एक वर्ष तक किसानों को एसडीएम कोर्ट में हाजिरी लगानी पड़ेगी. इन्सेट गेहूं का उत्पादन पाया गया प्रति हेक्टेयर 37.80 क्विंटल भभुआ. रविवार को जिलाधिकारी द्वारा गेहूं की फसल की कटनी के बाद किसान के खेत में प्रति हेक्टेयर 37.80 क्विंटल गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है. उपरोक्त जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण ने बताया कि वैसे यह जिला का औसत उत्पादन नहीं है. लेकिन, रविवार की कटनी में यह आंकड़ा सामने आया है. उन्होंने बताया कि अभी उत्पादन को लेकर क्राॅप कटिंग का काम विभिन्न प्रखंडों में कराया जा रहा है, जिसमें सांख्यिकी विभाग से लेकर कृषि विभाग के कर्मी लगे हुए हैं. जब हर प्रखंडों से फसल कटनी का सिंपल सामने आ जायेगा, तब जिले के औसत गेहूं के उत्पादन का आंकड़ा सामने आ पायेगा. इधर, किसानों के अनुसार इस साल गेहूं के फसल में हवा लगी है. इससे गेहूं के दाने पुष्ट होने के बजाय हल्के पड़ रहे हैं. गौरतलब है कि रबी सीजन में फरवरी मार्च में बार-बार बारिश का असर भी गेहूं के उत्पादन पर निश्चित रूप से पड़ेगा.

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