सीतामढ़ी. रविवार को वासंतिक नवरात्र का छठा दिन था. शहर समेत जिले भर के पूजा समितियों द्वारा सुबह में गाजे-बाजे के साथ कलश शोभायात्रा और झांकी निकाली गयी. वहीं, दोपहर बाद गाजे-बाजे के साथ बिल्वाभिमंत्रण यानी बेलनेवतन की रस्में पूरी की गयी. भक्त इस परिस्थिति में भी निर्जला उपवास रखकर तो कई भक्त फलाहार कर अलग-अलग विधि से माता रानी की आराधना की. रविवार को मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी देवी की पूजा, आराधना एवं ध्यान किया गया. पंडित मुकेश कुमार मिश्र ने बताया कि पुराणों के अनुसार देवी कात्यायनी की उपासना से भक्तों को अर्थ, धर्म, कर्म, काम व मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है. रोग, शोक, संताप और भय का नाश होता है. जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं. पुपरी. वासंतिक नवरात्र पूजा के छठे दिन रविवार को प्रखंड क्षेत्र के सभी पूजा समितियों के द्वारा बेल न्योतन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर प्रखंड क्षेत्र के केशोपुर पूरा, भूलन चौक, बसंत चौक, स्टेशन चौक, महारानी स्थान झझिहट, हरिहरपुर, आवापुर, मानिकपुर, रामपुर पचासी व सम्हौली दुर्गा पूजा समिति के द्वारा कुंवारी कन्याओं के द्वारा बैंड बाजा से लैस कलश शोभायात्रा निकाली गई. जो पूजा पंडाल से निकल कर प्रमुख सड़कों व चौराहों से गुजरते हुए गांव के बगीचा में पहुंचा. जहां विद्वान पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बेल न्योतन किया गया . मौके पर थानाध्यक्ष अशोक कुमार, दरोगा मनोज कुमार , रंजीत कुमार सिंह , रणजीत कुमार, अजय सिंह, सीताराम मुखिया, राकेश झा, अमीरी पासवान, राकेश शर्मा, दिलीप, कुलदीप, अशोक, प्रवीण, संतोष ठाकुर, लालबाबू पासवान, संतोष कुमार, राम एकवाल प्रसाद जयसवाल, नारायण ठाकुर, संदीप पासवान, शंभूनाथ पाठक समेत अन्य शामिल थे.
नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की हुई पूजा-उपासना
रविवार को वासंतिक नवरात्र का छठा दिन था. शहर समेत जिले भर के पूजा समितियों द्वारा सुबह में गाजे-बाजे के साथ कलश शोभायात्रा और झांकी निकाली गयी.
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