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नवपत्रिका प्रवेश के साथ पंडालों में विराजीं देवी दुर्गा

वासंतिक नवरात्र में भक्तिमय हुआ माहौल

उपमुख्य संवाददाता, धनबाद,

चैत्र नवरात्र की षष्ठी पूजा के दिन रविवार को मां के कात्यायनी स्वरूप का आवाह्न किया गया. विधि विधान से मां की पूजा अर्चना भक्तों ने की. नवपत्रिका प्रवेश के साथ ही पंडालों में देवी दुर्गा की प्रतिमा विराजीं. सोमवार को अल सुबह तालाब से कोलाबोउ को विधि विधान से पूजा मंडप में लाया जायेगा. नवरात्र को लेकर कोयलांचल के देवी मंदिरों, घरों व पूजा पंडालों में भक्ति भाव से मां जगदंबे की आराधना की जा रही है. सरायढेला स्थित विकास नगर शिव मंदिर दुर्गा पूजा समिति की ओर से षष्ठी पूजा के दिन पूजा पंडाल में बेलवरन के बाद संध्या में भक्तों के दर्शन के लिए मां के पट खोल दिये गये. सप्तमी को ढाक, शंख, उलूक ध्वनि के साथ कोलाबोउ को पालकी से लाकर भगवान गणेश के पास आसन दिया जायेगा. यहां पुजारी अजीत भट्टाचार्य पूजन संपन्न करायेंगे. पूजा को लेकर समिति के सदस्यगण सक्रियता से लगे हैं. यूथ क्लब दुर्गा पूजा कमेटी एलसी रोड की ओर से इस बार भी चैती नवरात्र का आयोजन किया गया है. पूजा को लेकर पंडाल से सड़क तक आकर्षक विद्युत सज्जा की गयी है. रविवार को बेलवरन के साथ मां की प्रतिमा को पंडाल में स्थापित किया गया. उलूक ध्वनि, ढाक ध्वनि के साथ बीसीसीएएल के डायरेक्टर पर्सनल व उनकी धर्मपत्नी ने पंडाल का उद्घाटन किया. सोमवार को सप्तमी पर कोलाबोउ को विधि विधान से तालाब से पालकी में सवार कर लाया जायेगा. यहां सप्तमी से नवमी तक मां का भोग वितरित किया जायेगा. बांकुड़ा से आये दुलाल उपाध्याय के आचार्यत्व में यहां पूजा संपन्न होगी. पूजा को लेकर कमेटी के सदस्यगण सक्रियता से लगे हैं.

आज होगी मां कालरात्रि की पूजा :

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा विधि विधान से की जायेगी. इन्हें शुभांकरी महायोगीश्वरी महायोगिनी के नाम से भी जाना जाता है. इनकी पूजा करने से मां अपने भक्तों को बुरी शक्तियां व काल से बचाती हैं. इनके भक्त को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. मान्यता है कि सिद्धियां प्राप्त होती हैं.

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