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केष्टो के बिना बीरभूम की दोनों सीटें बचाना तृणमूल के लिए बड़ी चुनौती

बीरभूम जिला कोर कमेटी ने चुनावी रणनीति पर की बैठक

बीरभूम.

जिले की दोनों लोकसभा सीटों पर अपना कब्जा बरकरार रखना बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है. आसन्न आम चुनाव में इन दोनों संसदीय सीटों को बचाने के लिए जिला तृणमूल कोर कमेटी एक के बाद एक बैठकें कर रही है. विशेष बैठकों में चुनावी रणनीति पर चर्चा की जा रही है. कारण यह है कि जिला के धाकड़ नेता अनुब्रत मंडल उर्फ केष्टो पशु तस्करी के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं. इससे जिले में तृणमूल बैकफुट पर आ गयी है. इस तथ्य को जिला तृणमूल के कई नेता दबी जुबान से मानते हैं. इस बार का लोकसभा चुनाव महत्वपूर्ण हैं. ऐसा पहली बार है, जब जिला तृणमूल अनुब्रत के बिना लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहा है. जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है, विभिन्न राजनीतिक दलों की तरह तृणमूल भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गयी है. हाल में तृणमूल के बीरभूम जिला नेताओं ने हाल ही में बोलपुर लोकसभा क्षेत्र की चुनाव कमेटी के साथ विशेष विस्तारित बैठक की. बोलपुर के गीतांजलि थिएटर में जिला पार्टी कोर कमेटी के साथ जिला नेतृत्व मौजूद था. बंद कमरे में हुई बैठक में चुनावी रणनीति पर गहन मंथन हुआ. चर्चा हुई कि कैसे मुख्य विपक्षी भाजपा और अन्य दलों की चुनौती से निबटा जाये. हर स्तर पर तृणमूल कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीति पर अमल करने को कहा गया है. तृणमूल सूत्रों की मानें, तो पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार के अलावा जनसंपर्क पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है. बैठक में जिला कोर कमेटी के पांच सदस्य मौजूद थे. मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा, विधानसभा उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी, सिउड़ी के विधायक विकास रायचौधरी, लाभपुर के विधायक अभिजीत सिंह और जिला सचिव सुदीप्त घोष, जिला परिषद के सभाधिपति काजल शेख उपस्थित थे. इसके अलावा पूर्व बर्दवान जिले के केतुग्राम के विधायक शाहनवाज हुसैन, आउसग्राम के विधायक अभयानंद थंडर और बोलपुर लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार असित माल सहित अन्य नेता इस विशेष बैठक में मौजूद थे. संयोग से, अनुब्रत दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद है. लोकसभा चुनाव में जिला पार्टी नेतृत्व को साहस के साथ मैदान में उतरना है. इसलिए पार्टी नेता सूझबूझ से काम ले रहे हैं. सलाह दी गयी है कि कार्यकर्ता अति आत्मविश्वास में ना रहें. जनसंपर्क बनाने पर अधिक ध्यान दें. बैठक के अंत में आशीष बनर्जी ने कहा, “यह चयन कमेटी की विस्तारित बैठक है. चुनावी रणनीति तय करना मुख्य उद्देश्य था. यहां भाजपा कोई फैक्टर नहीं है. हालांकि, तृणमूल की इस विस्तारित बैठक को भगवा खेमा महत्व नहीं दे रहा है. भाजपा के बोलपुर संगठनात्मक जिलाध्यक्ष संन्यासी चरण मंडल ने कहा कि अनुब्रत के रहते तृणमूल ने आतंक का राज कायम किया था. इसलिए उनकी अनुपस्थिति में तृणमूल नेता अब भ्रमित हो गये हैं. सोमवार को तृणमूल कोर कमेटी की विशेष बैठक से स्थिति स्पष्ट है. अलबत्ता, पहले लोग भय से तृणमूल के प्रति समर्पित थे. अब रणनीति बनाने से फायदा नहीं है. बीरभूम समेत बंगाल की जनता तृणमूल का असल चेहरा देख चुके हैं. इस बार बीरभूम जिले की दोनों संसदीय सीटों पर तृणमूल को भाजपा कड़ी टक्कर देगी.

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