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सोशल मीडिया वार रूम से कम समय में अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे उम्मीदवार

चुनाव के दौरान 40 डिग्री तापमान में हर दिन सड़कों-गलियों की खाक छानते हुए आम जनता तक अपनी बात पहुंचाना सबसे मुश्किल काम होता है.

– भीषण गर्मी में तकनीक ने उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार को बनाया आसान

– लोकसभा क्षेत्र में बड़े वर्ग तक दर्ज करा रहे अपनी उपस्थिति

सुमित कुमार, पटना चुनाव के दौरान 40 डिग्री तापमान में हर दिन सड़कों-गलियों की खाक छानते हुए आम जनता तक अपनी बात पहुंचाना सबसे मुश्किल काम होता है. यह मुश्किल काम तब दुरूह हो जाता है, जब अपनी बात संबंधित लोकसभा क्षेत्र के 18 से 20 लाख मतदाताओं तक पहुंचानी हो. मगर तकनीक ने उम्मीदवारों की इस परेशानी को काफी हद तक दूर कर दिया है. वर्तमान में हर लोकसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों के सोशल मीडिया वार रूम कार्यरत हैं, जो उम्मीदवार को आम जनता और जनता को उम्मीदवारों की भावनाओं से अवगत करा रहे हैं. इन मीडिया वार रूम का संचालन आइटी प्रोफेशनल्स के माध्यम से कराया जा रहा है.

रील्स, वाट्सअप स्टेट्स, पोस्ट, स्टोरी के जरिए पहुंचा रहे अपनी बात

उम्मीदवारों के वार रूम में कार्यरत आइटी प्रोफेशनल्स संबंधित लोकसभा व जिले के नागरिकों को अपना टारगेट ऑडियंस बना कर काम कर रहे हैं. उम्मीदवारों के लिए कंटेट तैयार करने की जिम्मेदारी भी उनकी ही है. मतदाताओं को जोड़ने के लिए विभिन्न माध्यमों से संबंधित क्षेत्र के लोगों का मोबाइल नंबर इकट्ठा किया गया है. उसके बाद उम्मीदवारों के समर्थन में बनाये गये कंटेट को यू-ट्यूब रील्स, वाट्सअप स्टेट्स, फेसबुक पोस्ट व स्टोरी आदि माध्यम से प्रचारित कराया जा रहा है. पार्टियों व नेताओं के सोशल मीडिया हैंडलों से भी उनको प्रमोट किया जा रहा है.

चुनावी माहौल में नेताओं-पार्टियों की सोशल मीडिया पर बढ़ी सक्रियता

वर्तमान चुनावी माहौल में राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य, जिला व मंडल स्तर के नेताओं व पार्टियों की सोशल मीडिया पर सक्रियता काफी बढ़ गयी है. उनके सोशल मीडिया हैंडलों के माध्यम से लगातार पार्टी के एजेंडे का प्रचार हो रहा है. वे इसका इस्तेमाल विरोधियों पर जुबानी हमले को लेकर भी कर रहे हैं. इन सोशल मीडिया हैंडलों से लाखों-करोड़ों लोगों के जुड़े होने से उनको अपनी बात पहुंचाने में मिनटों का समय लग रहा है. बड़ी पार्टियों में भाजपा के सोशल मीडिया हैंडलों पर ”””” मोदी की गारंटी ”””” और पिछले दस वर्षों की ऐतिहासिक उपलब्धियों का प्रचार दिख रहा है तो कांग्रेस देश भर में चुनाव प्रचार कर रहे अपने बड़े नेताओं के भाषण को दिखला रही है. जदयू अपने सोशल मीडिया हैंडलों से पिछले 18 वर्षों की विभिन्न क्षेत्रों की उपलब्धियों को प्रचारित कर रहा है तो राजद केंद्र सरकार की नाकामियों का मुद्दा उठाते हुए नौकरियां दिये जाने पर चर्चा कर रहा है. अन्य राज्यस्तरीय व पंजीकृत दल एवं उम्मीदवार भी सोशल मीडिया हैंडलों के माध्यम से अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं.

मतदान के दिन वार रूम की होगी बड़ी भूमिका

सोशल मीडिया वार रूम पहले राज्य स्तर पर ही गठित किये जाते थे, लेकिन इस बार लोकसभा स्तर पर इसका गठन किया गया है. खुद उम्मीदवारों ने इसकी मॉनीटरिंग की कमान संभाल रखी है. इसकी मदद से उम्मीदवार न सिर्फ अपने एजेंडे को बता रहे हैं, बल्कि विरोधी उम्मीदवारों के हर दिन की गतिविधि को भी मॉनीटर कर रहे हैं. पार्टी नेताओं की मानें तो मतदान के दिन सोशल मीडिया वार रूम की बड़ी भूमिका होगी. इसके माध्यम से न सिर्फ बूथ स्तर तक की गतिविधि की जानकारी राज्य मुख्यालय तक अपडेट होगी, बल्कि उन मुद्दों पर तत्काल मुख्यालय से बूथ स्तरीय पदाधिकारियों को निर्देश भेजे जा सकेंगे.

ऐसे काम रहे उम्मीदवारों के सोशल मीडिया वार रूम

– स्थानीय यू-ट्यूब चैनलों व ट्विटर, फेसबुक, वाट्सअप सहित अन्य प्रचलित माध्यमों से आम जनता तक अपनी बात पहुंचा रहे

– उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाने के साथ ही कुप्रचार का भी जवाब दे रहे

– अपनी पार्टी और अपने स्टैंड को मजबूती से आम जनता के समक्ष रख पा रहे

– उम्मीदवारों के हर दिन की गतिविधि और एडवांस रूट प्लान से आम जनता को अवगत करा रहे

– क्षेत्र में आने वाले स्टार प्रचारकों के बारे में जनता को अवगत करा रहे

– किसी मुद्दे पर जनता की राय लेने के लिए पोल करा रहे

– वर्तमान मुद्दों पर तत्काल प्रतिक्रिया देना और उसे अपने पक्ष में प्रचारित करने की भूमिका निभा रहे

– उम्मीदवारों को पार्टी के राज्य, जिला व मंडल मुख्यालयों व वरिष्ठ नेताओं से समन्वय बनाने की भूमिका निभा रहे

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