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भागलपुर के निजी अस्पतालों को कराना होगा रजिस्ट्रेशन, मरीजों को देनी होगी सुविधा, डीएम ने दिया निर्देश

भागलपुर के निजी क्लिनिक और अस्पतालों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. भागलपुर डीएम ने स्वास्थ्य सुविधायों को लेकर समीक्षा बैठक में ये बात कही

भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य व्यवस्था में गुणवत्ता सुधार को लेकर सिविल सर्जन एवं आइएमए के अध्यक्ष एवं अन्य चिकित्सकों के साथ बैठक की गयी. डीएम ने अधिकारियों व चिकित्सकों से पूछा कि अस्पतालों व निजी क्लीनिक में कैसे स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जा सकता है. डीएम ने कहा कि निजी क्लिनिक व नर्सिंग होम को रजिस्ट्रेशन व रेगुलेशन से संबंधित क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. इससे वहां की चिकित्सा व्यवस्था का मानक बढ़ेगा. जिले के कई निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन नहीं है, वह मरीजों को सुविधा नहीं दे रहे हैं.

मामले पर आइएमए के अध्यक्ष डॉ मणिभूषण ने कहा कि एमबीबीएस कोर्स कर कई जूनियर डॉक्टर अपना निजी क्लीनिक चलाने की तैयारी में है, उनकी मदद जरूरी है. डीएम ने कहा कि ऐसे डॉक्टरों को हर मदद की जायेगी. इसके लिए क्लीनिकल स्टैबलिस्ट एक्ट, पॉल्यूशन बोर्ड जैसे मानक जरूरी होंगे.

डॉक्टरों की शिकायत प उन्होंने कहा कि मेडिकल कचरा को निपटारे के लिए अगर संबंधित एजेंसी ज्यादा पैसा लेती है तो इसकी लिखित शिकायत करें, इस पर कार्रवाई होगी. डॉक्टरों ने बताया कि मायागंज अस्पताल व अन्य निजी अस्पतालों में एक्सीडेंट व अन्य गंभीर मरीजों के साथ अटेंडेंट घुस जाते हैं. कभी-कभी हंगामा के कारण इलाज में दिक्कत होती है. डीएम ने कहा कि इसके लिए सिक्योरिटी को बेहतर करें. एक मरीज के साथ एक ही अटेंडेंट को प्रवेश दिया जाये.

सदर व मायागंज अस्पताल में समय का पालन हो 

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्सा व्यवस्था का एक प्रोटोकॉल होता है जो मेडिकल कॉलेज अस्पताल की दीवार पर चिपकायी जाये. साथ ही प्रत्येक सप्ताह में पांच मरीज का मेडिकल बोर्ड होना चाहिए, जिसमें नये चिकित्सकों को सीखने का मौका मिलता है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज एवं सदर अस्पताल में समय सारणी का अनुपालन किया जाये. यदि कोई मशीन खराब है तो उनके लिए लगातार बीएमएसआइसीएल को लगातार पत्र लिखा जाए ताकि साक्ष्य आपके पास रहे.

ड्यूटी में लापरवाही पर एएनएम व जीएनएम होंगे बर्खास्त 

बैठक में डॉक्टर अभिषेक ने बताया कि यहां का नर्सिंग सिस्टम अन्य राज्यों की तुलना में कमजोर है. कई एएनएम, जीएनएम ड्यूटी नहीं करना चाहती है. इस कारण सेकेंड लाइन की चिकित्सा व्यवस्था कमजोर पड़ जाती है. जिलाधिकारी ने ऐसे एएनएम, जीएनएम को चिह्नित कर बर्खास्तगी की कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बैठक में सहायक समादेष्टा गरिमा लोहिया, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता मौजूद थे.

मायागंज अस्पताल के पूर्वी गेट की तरफ लगेंगे वाहन

डॉक्टरों की शिकायत पर डीएम ने कहा कि मायागंज अस्पताल के बाहर ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त होगी. अस्पताल के पूर्वी व मध्य गेट के बीच वाहन लगेंगे. वहीं बरारी थाना की तरफ से ही निकल जाये. इस संबंध में उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी गार्ड को निर्देशित किया जाये कि सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई तो उन्हें टर्मिनेट किया जायेगा. साथ ही पूरे परिसर में सीसीटीवी लगवायी जाये. यदि कहीं असामाजिक तत्व दिखाई देते हैं तो उनका फुटेज भेजा जाये, ताकि उन पर कार्रवाई के लिए एसएसपी को भेजा जा सके.

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