शहर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर हो रही धन की उगाही
समस्या गंभीर. मेयर की प्रेसवार्ता में पीड़ित फुटपाथी दुकानदारों ने लगाया आरोप
निगम नक्शा पास कर घर बनाने की दे रहा अनुमति, पर रास्ता बनवाने पर जेसीबी से करा दे रहा खुदाई
फोटो-2- प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेयर काजल कुमारी व पीड़ित फुटपाथी दुकानदार.प्रतिनिधि, सासाराम नगर
अतिक्रमण शहर के लिए नासूर बनता जा रहा है. इसको लेकर कार्रवाई भी हो रही है. लेकिन, फुटपाथी दुकानदारों को लेकर बनायी गयी योजना पर कार्य नहीं हो रहा, जिसका फायदा उठाने में कुछ लोग लगे हुए हैं. अब अतिक्रमण न हटाने के एवज में धन की उगाही शुरू हो गयी है. शहर के अमरा तालाब पर चिह्नित कर दुकानदारों को नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने का नोटिस भेजा है, जो अपनी गुहार लेकर मेयर काजल कुमारी के पास पहुंचे हैं. सोमवार को मेयर ने इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन दुकानदारों को बुलाया, जिन्हें निगम ने नोटिस भेजा है. अमरा तालाब के करीब नौ फुटपाथी दुकानदार प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे थे. इनमें शामिल सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि मेरी दुकान सरकारी जमीन पर है. निगम जब बोलेगा मैं हटा लूंगा. लेकिन, मेरे आसपास के वैसे सभी दुकानों को हटाया जाये, जो सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर संचालित हो रही हैं. उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने से पहले वार्ड संख्या-44 की पार्षद केला देवी के पुत्र सरोज कुमार गुप्ता ने मुझसे 50,000 रुपये की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि अगर आप पैसे दे दीजिएगा, तो फिर आप पर कार्रवाई नहीं होगी. नहीं तो यहां शौचालय बनाना है और आपकी दुकान हटानी पड़ेगी. मैंने देने से इन्कार कर दिया, तो उन्होंने निगम से मेरे ऊपर नोटिस भिजवा दिया है. इनमें एक दिव्यांग गुप्तेश्वर गुप्ता की भी दुकान है, जिसके परिवार का भरण-पोषण इसी से होता है. उसने कहा कि हम अपनी दुकानें हटा लेंगे. लेकिन, परिवार चलाना मुश्किल हो जायेगा. ऐसे में नगर निगम कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर दे, तो बेहतर होगा. हम सभी को टारगेट कर परेशान किया जा रहा है. अमरा तालाब पर जीटी रोड के किनारे सैकड़ों दुकानें हैं. लेकिन, बस कुछ लोगों को ही अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया गया है.घर बनाने की अनुमति देकर रास्ता काट रहा निगम
नगर निगम क्षेत्र में आपको घर बनाने के लिए पहले नक्शा पास कराना पड़ता है. इसके बाद घर का निर्माण शुरू हो जाता है. नक्शा बनाने के दौरान रास्ता से लेकर सभी पहलुओं का जिक्र करते हुए मकान बनाने की अनुमति दे दी जाती है. लेकिन, निगम खुद से वहां रास्ता वर्षों तक नहीं बनाता है. ऐसे में मकान मालिक जब अपने खर्च से आने-जाने के लिए टूटी-फूटी सड़क बनाता है, तो निगम उसे भी खोद कर चला आता है. ऐसा ही दूसरा मामला वार्ड संख्या-11 बाजार समिति के पीछे तकिया मुहल्ले के राजाराम पथ का आया है. जहां पर दिलीप सिंह ने अपने घर तक पहुंचने के लिए नाला डालकर रास्ता बनाया था, जिसको निगम ने जेसीबी से तोड़वा दिया. अब उन्हें अपने घर पर जाने में परेशानी हो रही है. ऐसा एक मामला इसी मुहल्ले से एक वर्ष पहले आया था, जब संतोषी देवी के घर तक नाला पार कर जानेवाले रास्ते को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया था. मेयर ने आरोप लगाया कि नगर आयुक्त बिना स्थल निरीक्षण किये महज कुछ लोगों के कहने पर शहरवासियों को परेशान कर रहे हैं. अतिक्रमण हटाना जरूरी है और इसको लेकर कार्रवाई करने में कोई परेशानी नहीं है. लेकिन, कुछ लोगों के इशारे पर टारगेट कर अतिक्रमण हटाया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है. इस पूरे मामले पर वार्ड संख्या-44 की पार्षद केला देवी के पुत्र सरोज कुमार गुप्ता ने कहा कि अगर मैंने अतिक्रमण हटाने के एवज में पैसा मांगा है, तो फिर मुझ पर एफआइआर दर्ज करानी चाहिए. केवल मेरी छवि खराब करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. मेरी मां ने खुद कई बार निगम को अतिक्रमण हटाने को लेकर पत्र लिखा है, जिस पर कार्रवाई नहीं हो रही है.