कोलकाता. चुनावी ड्यूटी करने वाले सरकारी कर्मचारियों ने चुनाव आयोग से मेहनताना बढ़ाने की मांग की है. मतदान कर्मियों का कहना है कि दूसरे कुछ अन्य राज्यों की तुलना में पश्चिम बंगाल में चुनावी ड्यूटी करने वाले लोगों को पारिश्रमिक बहुत कम मिलता है. इस वजह से मतदान कर्मियों की संगठन वोट कर्मी एक्यो केंद्र की ओर चुनाव आोग से पारिश्रमिक बढ़ाये जाने की मांग की गयी है. इस संबंध में वोट कर्मी एक्यो केंद्र के महासचिव स्वपन मंडल ने बताया कि लोकसभा चुनाव में मतदान कर्मियों की तीन बार प्रशिक्षण होती है. इसके बाद एक दिन चुनावी ड्यूटी करना पड़ता है. मतदान या मतगणना वाले किसी एक दिन चुनावी ड्यूटी करना पड़ता है. ऐसे में इस चुनावी ड्यूटी के बदले पीठासीन अधिकारी को पारिश्रमिक लगभग 2300 रुपये मिलते हैं. इसी के साथ फस्ट पोलिंग ऑफिसर को लगभग 1000 रुपये, सेकेंड पोलिंग ऑफिसर को 1400 से 1500 रुपये और थर्ड पोलिंग ऑफिसर को 1170 रुपये मिलते है. वहीं खान-पान के लिए अलग से 170 मिलते हैं. दूर-दराज के केंद्रों में मतदान कर्मियों को चुनाव से एक दिन पूर्व ही पहुंचना पड़ता है. संगठन के महासचिव श्री मंडल ने बताया कि वर्तमान में मिल रहे पारिश्रमिक में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की मांग की गयी है. श्री मंडल ने बताया कि दिल्ली व पंजाब में मतदानकर्मियों को करीब 2800 रुपये मिलते हैं.
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चुनाव आयोग से मतदान कर्मियों ने की पारिश्रमिक बढ़ाने की मांग
चुनावी ड्यूटी करने वाले सरकारी कर्मचारियों ने चुनाव आयोग से मेहनताना बढ़ाने की मांग की है.
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