UPSC CSE Final Result 2023: जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज: पूर्व थल सैनिक (सीएमपी) संजय शर्मा की पुत्री स्वाति शर्मा ने यूपीएससी की परीक्षा में जमशेदपुर का झंडा लहरा दिया है. भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में स्वाति शर्मा ने ऑल इंडिया रैंकिंग में 17वां स्थान हासिल किया है. मंगलवार को जब परीक्षा का परिणाम निकला, तो स्वाति समेत पूरा परिवार रैंकिंग खोजने में जुट गया. जब स्वाति की रैंक17वीं दिखी तो खुद उसे भरोसा नहीं हुआ. स्वाति ने कहा कि सोचा जरूर था कि यूपीएससी क्रैक करुंगी, लेकिन यह उम्मीद बिल्कुल नहीं थी कि इतना बेहतर प्रदर्शन कर पाऊंगी. हर सफलता के पीछे माता-पिता का हाथ होता है. इसमें मेरे भाई टाटा स्टील में कार्यरत संजीव शर्मा ने भी काफी मदद की. पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सुशील कुमार सिंह, राजीव रंजन सिंह और पूरी टीम ने उनके घर पर जाकर उन्हें बधाई दी.
सेना में थे पिता
यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया 17वां रैंक लानेवाली स्वाति शर्मा ने बताया कि पिता सेना में थे, इसलिए आरंभिक पढ़ाई देश के कई हिस्सों में हुई. स्वाति ने मैट्रिक की परीक्षा आर्मी सैकेंडरी स्कूल कोलकाता से पास की. इसके बाद 12वीं की पढ़ाई उन्होंने साकची स्थित टैगोर एकेडमी से पूरी की. इसके बाद 2019 में उन्होंने बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज से पॉलेटिकल साइंस में एमए किया. टैगोर एकेडमी में उनके एक शिक्षक जाकिर अख्तर ने उन्हें यूपीएससी एग्जाम के लिए मोटिवेट किया था. उनकी बातों से प्रभावित होकर माता-पिता से इस बात की जानकारी शेयर की, उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए सभी मार्ग प्रशस्त कर दिये. यह उनका तीसरा प्रयास था. पहले दो प्रयास में उन्होंने जमशेदपुर में ही रहकर पढ़ाई की, परीक्षा दी, लेकिन उनका सलेक्शन नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने तय किया अंतिम प्रयास करना है, लेकिन इसके लिए दिल्ली जाने का फैसला किया गया. नंवंबर 2022 में दिल्ली में जाकर पढ़ाई शुरू की. 2023 जून में परीक्षा हुई, अगस्त में परिणाम आया. जनवरी 20024 में उनका इंटरव्यू हुआ, जिसका परिणाम टॉप 17वां रहा.
बताया सफलता का मूलमंत्र
यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया 17वां रैंक लानेवाली स्वाति शर्मा ने बताया कि उन्होंने जो स्थान हासिल किया है, उसके पीछे एक मूलमंत्र रहा पुरानी गलतियों को दोबारा दोहराना नहीं है. आगे कैसे पढ़ना है, इसके बारे में सोचना है. टॉपर रहे छात्रों ने किस तरह सवालों का हल किया, उनकी पढ़ाई का पैटर्न क्या रहा, किस तरह खुद को बिना दवाब के पढ़ाई में व्यस्त रखना है, यह सीखा और इस पर काम किया, जिंदगी खुद बेहतर बनती गयी. पढ़ाई कभी भी बोझ या उबाऊ नहीं लगी. हर चीज अपने अनुरुप लगने लगी. उस दौरान यह समझ आने लग गया था कि अब पीछे मुंड़ कर देखने का समय खत्म हो गया, आगे बढ़ना है. यूपीएससी के परिणाम ने आपार खुशियां प्रदान की है, लगातार फोन आ रहे हैं. माता-पिता, भाई, रिश्तेदार सब काफी खुश हैं.
ALSO READ: यूपीएससी की परीक्षा में जमशेदपुर के ऋत्विक ने लहराया परचम, 520वीं रैंक लाकर बढ़ाया झारखंड का मान