जमशेदपुर. चैत्र नवरात्र की महाष्टमी पर नामदा बस्ती कालीबाड़ी में पंचांग के हिसाब से सुबह 8:28 बजे पूजा शुरू हुई, जो करीब दो घंटे तक चली. ग्यारह बजे कन्या पूजन हुआ. कन्या को शृंगार कर मां के रूप में पूजा गया. पूजा के बाद मंदिर से कन्या को गोदपर उठाकर मंडप में बैठाया गया, जहां श्रद्धालुओं ने कन्या के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और दक्षिणा भेंट दी. दोपरह 12 बजे मां दुर्गा को पुष्पांजलि अर्पित की गयी. मंदिर प्रांगण में एक बजे से महाभोग का वितरण शुरू हुआ.
11 किलोग्राम चावल का लगा भोग
इससे पहले पूर्वाह्न साढ़े दस बजे अन्नकूट पूजा शुरू हुई. अन्नपूर्णा रूप में मां पूजी गयीं. बांस की टोकरी में ग्यारह किलोग्राम चावल का भात, दाल, पांच प्रकार की भुजिया, चटनी, हलुआ पूरी आदि मां को भोग लगाया गया. पूजा के बाद इसे श्रद्धालुओं के बीच बांट दिया गया. अपराह्न चार बजे संधि पूजा हुई. संध्या काल में विजया गार्डेन की कलाकार शांता बनर्जी ने श्यामा संगीत और भजनों की प्रस्तुति दी. अनुष्ठान मंदिर प्रमुख अमीय ओझा की देखरेख में हुआ.
मानसी अपार्टमेंट में हुई अन्नकूट पूजा
महाष्टमी पर मानसी अपार्टमेंट न्यू बाराद्वारी में भी मां अन्नपूर्णा की पूजा हुई. मां को चावल सहित अन्य भोज्य पदार्थ भोग लगाया गया. पूजा पूर्वाह्न नौ बजे शुरू हुई, जो अपराह्न ढाई बजे तक चली. इस दौरान महाभोग का आयोजन हुआ. इसे सफल बनाने में अभिरूप, रतींद्रनाथ दास, चंद्रलेखा व अन्य का योगदान रहा.
हुई संधि पूजा
चेनाव रोड स्थित साकची दुर्गाबाड़ी में मां की पूजा हुई. मां को चाल कुम्हड़ा और गन्ने का बलिदान दिया गया. पुष्पांजलि के साथ महाभोग का वितरण हुआ. यहां विशुद्ध सिद्धांत मत के अनुसार दोपहर एक बजे संधि पूजा शुरू हुई, जो 1:48 बजे तक चली. संध्या काल में स्थानीय कलाकारों द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया. अनुष्ठान में शांतनु बोस, अशोक भट्टाचार्य, असीम कुमार कर, सुजीत चटर्जी, केसी कुइला, सुरेंद्र राय चौधरी व अन्य का योगदान रहा.