कृष्ण कुमार, पटना
राज्य में पहले चरण में 19 अप्रैल को चार लोकसभा क्षेत्र के मतदान को लेकर पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 की तुलना में इस बार बड़े नेताओं की बड़ी सभाएं कम हुई हैं. इस बार छोटी सभाओं और बैठकों के माध्यम से ही उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार किया है. इसी माध्यम को उम्मीदवार पसंद कर रहे हैं क्योंकि इससे उनका मतदाताओं से सीधा संपर्क होता है. फिलहाल छोटी बैठकों के माध्यम से उम्मीदवार घूम-घूमकर मतदाताओं से अपने अपने पक्ष में अपील कर रहे हैं. पहले चरण के मतदान में चार लोकसभा क्षेत्र औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई शामिल हैं. आगे आने वाले समय में बड़े नेताओं की आमसभाओं 2019 की तुलना में बढ़ोतरी की जा सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछली बार 2019 की तुलना में इस बार सात सभाएं अधिक कर सकते हैं. पिछले बार उन्होंने 11 सभाएं की थीं, इस बार 18 लोकसभा क्षेत्रों में सभा संबोधित करेंगे.इस चुनाव में एनडीए के मुख्य प्रचारकों में शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन सभाएं हुई हैं. वहीं गृह मंत्री अमित शाह की एक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की एक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक सभा हुई है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम मोदी के साथ जमुई और नवादा की दो सभाओं में शामिल रहे. उनकी अलग से एक-एक आमसभा गया, औरंगाबाद और नवादा लोकसभा क्षेत्र में हो चुकी है. इसके साथ ही भाजपा, जदयू, हम, लोजपा (रा) की करीब 25 बड़ी सभाएं हुई हैं. ऐसे में पहले चरण के लिए एनडीए की तरफ से अब तक करीब 35 बड़ी सभाएं हुई हैं. वहीं महागठबंधन की तरफ से बड़े नेता के तौर पर अब तक तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी की संयुक्त रूप से करीब 47 सभाएं हुई हैं .