जामताड़ा, नारायणपुर प्रखंड के भैयाडीह में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के दौरान मंगलवार रात्रि की कथा में मिथिलेश महाराज ने कहा कि मानव का मन संसारिक और संतों का मन परमार्थ के कार्य में व्यस्त रहता है. राम कथा जीवन में परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करती है. प्रतिदिन एक घंटा राम के लिए प्रदान करें, तो व्यक्ति जन्म-जन्म तक सुख भोगेगा. ईश्वर चाहते हैं कि आप शुद्ध अंत:करण से उनके पास आएं. प्रभु के पास जो स्वच्छ भाव से जाता है, उसका कल्याण अवश्य होता है. अपनी अमृतमयी वाणी से श्री रामावतार के प्रसंगों को आगे सुनाते हुए मनु-सतरूपा प्रसंग, राजा प्रतापभानु प्रसंग, रावण- कुंभकरण आदि का जन्म, पृथ्वी देवता, ब्रह्माजी द्वारा भगवान की स्तुति एवं श्रीराम जन्मोत्सव की कथा सुनाकर संगीतमयी भजनों से श्रोताओं को नाचने झूमने पर विवश कर दिया. धार्मिक अनुष्ठान के सफल आयोजन में भैयाडीह युगल बिहार कुंज के दिनेश मिश्रा, अवधेश मिश्रा, प्रणेश मिश्रा, ब्रजेश मिश्रा, उमेश मिश्रा, प्रेमानंद पंडित, रमेश पंडित, रामस्नेही पंडित, राधेश्याम पंडित समेत अन्य की महती भूमिका रही.
श्रीराम कथा जीवन में परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करती है : मिथिलेश महाराज
श्रीराम जन्मोत्सव की कथा सुनाकर संगीतमयी भजनों से श्रोताओं को नाचने झूमने पर विवश कर दिया.
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