कोलकाता. बिहार के स्वास्थ्य व कृषि मंत्री सह बंगाल भाजपा प्रभारी मंगल पांडेय ने तृणमूल के घोषणा पत्र को तुष्टीकरण की पराकाष्ठा बताया है. श्री पांडेय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के घोषणा पत्र से मां, माटी और मानुष गायब है. तृणमूल के घोषणा पत्र में अगर कोई प्रमुख एजेंडा है, तो वह है एनआरसी व यूसीसी को लागू नहीं करना और सीएए को खत्म करना. हर भारतीय को रोजगार की गारंटी, सभी को घर, मुफ्त एलपीजी सिलिंडर, एससी-एसटी और ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति देने की तृणमूल की घोषणा सिर्फ कागज के पन्नों तक सीमित रहेगी. इस पर न तो अब तक अमल हुआ है और आगे भी इस पर कोई काम होने की संभावना नजर नहीं आ रही है. जो पार्टी 543 सीटों में से 50 से भी कम सीटों पर चुनाव लड़ रही हो, वह भला देश के बारे में क्या गारंटी दे सकती है. श्री पांडेय ने कहा कि तृणमूल ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं की सुरक्षा, भ्रष्टाचार का खात्मा और संगठित अपराध पर अंकुश लगाने संबंधी किसी भी बातों का जिक्र नहीं किया है. इससे पता चलता है कि ममता सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कितनी चिंतित है. महिलाओं को अपमानित करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार और अपराधियों को संरक्षण देना तृणमूल की परंपरा रही है. यही कारण है कि अपने घोषणा पत्र मे तृणमूल ने इन मामलों पर कोई वायदा नहीं किया है. तृणमूल का घोषणा पत्र सिर्फ चुनाव तक ही रहेगा. चुनाव के बाद तृणमूल का घोषणा पत्र रद्दी कागज का टुकड़ा साबित होगा. लोस चुनाव के बाद बस एक ही सूत्री पर काम होगा. वह है तुष्टीकरण, जिसके सहारे तृणमूल राजनीतिक वैतरणी पार कर सके. बंगाल की जनता सब समझ चुकी है. अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जनता 2024 के लोकसभा चुनाव में जहां झूठ का पुलिंदा (घोषणा पत्र) को गंगा सागर में फेंकने का काम करेगी. वहीं, बंगाल से 30 से अधिक लोस सीट देती हुई एनडीए को 400 सीट दिला कर एक बार फिर नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने का काम करेगी.
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तृणमूल का घोषणा पत्र तुष्टीकरण की पराकाष्ठा : मंगल पांडेय
बिहार के स्वास्थ्य व कृषि मंत्री सह बंगाल भाजपा प्रभारी मंगल पांडेय ने तृणमूल के घोषणा पत्र को तुष्टीकरण की पराकाष्ठा बताया है.
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