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Health Tips : 30 साल की उम्र के बाद सेहतमंद बने रहने के लिए इन 10 विटामिन का करें सेवन

जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, शरीर में विभिन्न बदलाव होते हैं. 30 साल की उम्र के बाद स्वस्थ रहने और ऊर्जावान बने रहने के लिए विटामिन्स का सेवन बहुत जरूरी है.

Health Tips : जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, शरीर में विभिन्न बदलाव होते हैं, जिनमें कुछ हार्मोन और पोषक तत्वों में प्राकृतिक गिरावट भी शामिल है. 30 साल की उम्र के बाद संपूर्ण रूप से स्वस्थ रहने और ऊर्जावान बने रहने के लिए आवश्यक विटामिन्स पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है. जानिए ऐसे ही 10 विटामिन्स के बारे में, जिनकी हर इंसान को 30 साल की उम्र के बाद जरूरत पड़ सकती है.

विटामिन डी

30 साल की उम्र के बाद आमतौर पर टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है, जिससे ऊर्जा का स्तर और हमारी मांसपेशियां प्रभावित होती हैं. ऐसे में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन काफी मदद कर सकता है. यह संभावित रूप से टेस्टोरोन को बढ़ाता है और मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम अवशोषण में सहायता करता है. यह हृदय रोग और कुछ कैंसर के खिलाफ लड़ने में भी मदद कर सकता है.

विटामिन बी 12

स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं और एक मजबूत तंत्रिका तंत्र की मजबूती के लिए विटामिन बी 12 बहुत जरूरी पोषक तत्व है. मुख्य रूप से पशु उत्पादों में पाया जाने वाला विटामिन बी12 शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाये रखने और नर्व सिस्टम को सुचारू रूप से ठीक रखने में मदद करता है. विगन और शाकाहारी लोगों के लिए विटामिन बी 12 की पूर्ति के लिए फोर्टिफाइड फूड और सप्लीमेंट लेने की जरूरत पड़ सकती है.

विटामिन बी6

लाल रक्त कोशिका के उत्पादन और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाला विटामिन बी6 मल्टीटास्कर है. विटामिन बी6 मछली, चिकन और अनाज में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. यह प्रोटीन मेटाबॉल्जिम के साथ पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद करता है. नट्स जैसे अखरोट और सूरजमुखी के बीज भी विटामिन बी6 के समृद्ध स्रोत हैं.

मैग्नीशियम

हृदय और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए मैग्नीशियम आवश्यक पोषक तत्व है. यह ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके अलावा बेहतर नींद में भी सहायता करता है. 30 साल की उम्र के बाद यह तनाव को कम करने और वजन को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है. इसकी वजह से हृदय रोग के जोखिम कम हो जाते हैं.

जिंक

टेस्टोस्टेरोन के स्तर और हार्मोन संतुलन के लिए जिंक बहुत जरूरी है. यह टेस्टोस्टेरोन को एस्ट्रोजन में बदलने से रोकता है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन से निपटने में सहायता कर सकता है. घोंघा और कद्दू के बीज जिंक के समृद्ध स्रोत हैं. संपूर्ण सेहत के लिए इस पोषक तत्व को सेवन जरूरी करना चाहिए.

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स

अपने एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण ओमेगा 3 हृदय, मस्तिष्क और ब्लड वेसल्स की सुरक्षा में मदद करता है. इसके अलावा हृदय संबंधी परेशानियों को कम करने और संभावित रूप से प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करने में भी ओमेगा 3 फैटी एसिड्स काफी मदद करता है. यह वसायुक्त मछली और पूरक आहार में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.

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बी9 फोलेट

फोलेट विटामिन बी9 का प्राकृतिक रूप है, पानी में घुलनशील और प्राकृतिक रूप से कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. डीएनए की मरम्मत और कोशिकाओं के विभाजन में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह बहुत जरूरी पोषक तत्व है. पालक जैसी पत्तेदार सब्जियां बी9 फोलेट की उत्कृष्ट स्रोत हैं. यह किसी भी तरह की ऐब्नॉर्मैलिटी को रोकने और सामान्य रूप से कोशिकाओं की वृद्धि में सहायता करता है.

विटामिन K

विटामिन K विटामिन का एक समूह है. यह शरीर में रक्त के थक्के जमने, घावों को ठीक करने में मदद करता है. इसके अलावा हड्डियों की सेहत के लिए भी विटामिन K आवश्यक पोषक तत्व है. साथ ही यह संज्ञानात्मक कार्य में सहायता करता है. बढ़ती उम्र में डिमेंशिया जैसे जोखिम को कम करने में भी विटामिन K मदद करता है. पत्तेदार हरी सब्जियों, फल और तेल इस महत्वपूर्ण पोषक तत्व के प्रमुख स्रोत हैं.

विटामिन ए

आंखों की बेहतर रोशनी, चमकदार त्वचा और इम्यून संबंधी कार्यों के लिए विटामिन ए बहुत जरूरी पोषक तत्व है. विटामिन ए पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के साथ-साथ शुक्राणुओं के उत्पादन और प्रोस्टेट की सेहत को दुरुस्त रखने में काफी मदद करता है. गाजर, शकरकंद और डेयरी उत्पादों में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है.

आयरन

शरीर को स्वस्थ रखने में आयरन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह एक ऐसा पोषक तत्व है, जो पूरे शरीर में ऊर्जा और ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है. लाल रक्त कोशिका उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण यह शरीर के ऊर्जा स्रोत एटीपी (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट यानी ऊर्जा ले जाने वाला अणु जो सभी जीवित चीजों की कोशिकाओं में पाया जाता है) को ईंधन प्रदान करता है. आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से 30 साल की उम्र के बाद भी पौरुष शक्ति बरकरार रहती है. साथ ही यह थकान को दूर करता है.

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