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मनरेगा में राहगीरों व मवेशियों से कराया जा रहा ताल का निर्माण

नरेगा अपने हैरतअंगेज कारनामों को लेकर लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है. इसी तरह का एक ताजा मामला प्रखंड क्षेत्र की अमेठ पंचायत में सामने आया है, जहां ग्राम पंचायत द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में चयनित योजना ग्राम अमेठ में छलका से लेकर शिवनारायण के खेत तक मनरेगा द्वारा ताल का निर्माण कार्य कागजों पर कराया जा रहा है,

मोहनिया सदर. मनरेगा अपने हैरतअंगेज कारनामों को लेकर लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है. इसी तरह का एक ताजा मामला प्रखंड क्षेत्र की अमेठ पंचायत में सामने आया है, जहां ग्राम पंचायत द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में चयनित योजना ग्राम अमेठ में छलका से लेकर शिवनारायण के खेत तक मनरेगा द्वारा ताल का निर्माण कार्य कागजों पर कराया जा रहा है, जिसका वर्क कोड संख्या 0549009003/ डब्ल्यू सी/ 20617954 है. उक्त योजना में अब तक पांच मास्टर रोल जारी किया गया है, जिसमें 43 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गयी है. जबकि, जमीनी हकीकत यह है कि ताल का निर्माण कार्य धरातल पर नहीं बल्कि कागजों पर ही किया जा रहा है. हद तो तब हो गयी जब इस योजना के एनएमएस में मजदूरों की जगह राह चलते लोगों व घांस चरती भैसों का फोटो अपलोड कर इनको ही मजदूर बना दिया गया. यहां मनरेगा में भ्रष्टाचार की सभी सीमाओं को पार कर यह साबित कर दिया है कि अमेठ में मजदूर नहीं बल्कि मवेशी व राहगीर ताल की खुदाई का कार्य कर रहें हैं, हालांकि समय पूर्ण नहीं होने के कारण उक्त योजना के मास्टर रोल में दर्ज उपस्थिति को लेकर मजदूरी का भुगतान अभी नहीं किया गया है और न ही अब किया जायेगा बल्कि सभी एमआर को डिलीट कर दिया जायेगा, क्योंकि मनरेगा कर्मियों को इसकी भनक लग चुकी है कि हमारी काली करतूतों को पकड़ लिया जायेगा. लेकिन, मनरेगा में व्याप्त लूटखसोट की लिखित शिकायत के बाद भी वरीय पदाधिकारियों द्वारा ऐसे मामलों में ठोस संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. इसका परिणाम है कि ऐसे अधिकारी, कर्मियों व जनप्रतिनिधियों का हौसला बुलंद होता जा रहा है और वे निर्भीक होकर सरकारी योजनाओं को भ्रष्टाचार की सूली चढ़ा दे रहे हैं. उक्त योजना के मास्टर रोल संख्या 1096 में 10 मजदूरों, मास्टर रोल संख्या 1097 में 10, मास्टर रोल संख्या 1098 में 10, मास्टर रोल संख्या 1099 में 10 व मास्टर रोल संख्या 1100 में तीन मजदूरों की उपस्थिति दर्ज किया गया है. # क्यों नहीं किया जा रहा है एनएमएस में सुधार मनरेगा पंचायत रोजगार सेवक अपना गला बचाने के लिए एनएमएस पर गलत फोटो अपलोड करने का ठिकरा मेठ के सिर फोड़ दे रहे हैं. कुछ पीआरएस का कहना है कि एनएमएस पर फोटो अपलोड करने का कार्य मेठ करते हैं, जो आठवीं व दसवीं उत्तीर्ण हैं उनको समझ में नहीं आता है कि एनएमएस पर कैसे फोटो अपलोड करना है, जबकि बार-बार मेठों को बताया जाता है कि चयनित स्थल पर कार्य करते हुए मजदूरों का ही फोटो अपलोड करना है. लेकिन, पीआरएस का यह तर्क कितना हद तक सही है यह भी सोचने का विषय है, क्योंकि विभाग द्वारा जिन लोगों का चयन मेठ के लिए किया गया है उनको प्रशिक्षण देने के बाद ही कार्य करने के लिए फील्ड में उतारा जाता है, फिर ऐसी गलती बार-बार क्यों और कैसे लगभग अधिकांश मेठों से हो रही है या फिर हकीकत यह है कि वास्तव में धरातल पर कार्य करने वाले मजदूरों की संख्या काफी कम है और अपनी जेब भरने के लिए मास्टर रोल पर अधिक मजदूरों की उपस्थिति दर्ज किया जा रहा है, जिसके कमिशन का हिस्सा कई लोगों को मिलता है. यदि प्रशिक्षण प्राप्त करने व पीआरएस के समझाने के बाद भी मेठ एनएमएस में ऐसी गलतियां कर रहे हैं, जिससे विभाग के सभी लोगों की भद पीट रही है तो ऐसे मेठों पर ही कार्रवाई क्यों नहीं की जा रहीं है? # बोलें पीआरएस इस संबंध में पूछे जाने पर अमेठ पंचायत के पीआरएस बलिराज कुमार ने कहा कि मेठ को नहीं समझ आ रहा है कि एनएमएस कैसे करना है, इसलिए ऐसी खामियां सामने आ जा रही हैं, लेकिन इसमें सुधार किया जायेगा. सभी एमआर को डिलीट किया जायेगा, गलत भुगतान नहीं किया जायेगा

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