प्रभु राम हमारे आचरण और उत्तम विचार में अवश्य विराजमान होने चाहिए. यही उनकी सबसे बड़ी भक्ति है. उन्होंने आदर्श राजा, उत्कृष्ट भाई, श्रेष्ठ पुत्र, महान मित्र की भूमिका एक साथ निभायी तथा एक मानक स्थापित किया. पटोरी में उक्त बातें राम कथा ज्ञान महायज्ञ के समापन समारोह मे कथावाचक वर्षा देवी ने कही. उन्होंने कहा कि प्रभु राम के नाम मात्र से रावण जैसे अत्याचारी का अंत हो जाता है और अंदर के सारे क्लेश पाप और कुविचार समाप्त हो जाते हैं. मन के रावण का अंत करें. स्वत: प्रभु राम की भक्ति मिल जाएगी. अन्याय पर न्याय की जीत के लिए प्रभु श्री राम ने विकट समुद्र को पार कर यह साबित कर दिया कि अन्याय और अत्याचार का हर समय विरोध करना ही मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है. इस कार्यक्रम के कारण माहौल भक्तिमय हो गया. इस कथा महाज्ञान यज्ञ में दूर-दराज से काफी संख्या में भक्त पहुंचे. दोपहर से देर रात तक भक्ति कथाओं से श्रोता सराबोर होते रहे. कथावाचक ने कहा कि सत्संग के माध्यम से ही हम ईश्वर के करीब पहुंचते हैं. उन्होंने भगवान श्रीराम की मार्मिक कथाओं का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम थे. इस दौरान कमेटी के दिलीप यादव यादव, श्याम बाबू साह, सुधीर कर अन्य मौजूद थे.
श्रीराम ने आदर्श राजा व महान मित्र की भूमिका एक साथ निभायी
गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट में आयोजित हुई राम कथा
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