गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी प्रखंड मुख्यालय के सामने जमा पहाड़िया परिवारों द्वारा जमकर विरोध किया गया. इसके साथ ही मृतक का शव डांगापाड़ा पहुंचने के बाद वहां भी पुलिस को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा. जिले के वरीय पुलिस अधिकारी से भी पहाड़िया महिलाएं उलझ गयीं. बड़ी मुश्किल से भीड़ को पुलिस को शांत कराना पड़ा. एंबुलेंस से मृतक का शव डांगापाड़ा ले जाया गया था. ग्रामीण इतने आक्रोशित थे कि शव को उतरने तक नहीं दे रहे थे. मृतक की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था, फिर भी वह काफी आक्रोशित थीं. कई बार वह भी पुलिस पर आक्रोशित हो गयीं. पुलिस को देखते ही वहां के लोग भड़क गये. पुलिस डांगापाड़ा में मृतक के घर से तकरीबन 50-60 मीटर दूरी पर खड़ी थी. केवल बीडीओ व सीओ ही वहां मौजूद थे. वहीं गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे के पहुंचने पर ही शव को एंबुलेंस से नीचे उतारा जा सका. सांसद ने आक्रोशित भीड़ को समझाया. बच्चों को पढ़ाने का आश्वासन दिया गया. सांसद ने फोन से सुंदरपहाड़ी थाना के थानेदार पर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा. इसके बाद देर शाम तकरीबन 5.30 बजे परिजन शव लेने को राजी हुए. कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.
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सांसद डॉ निशिकांत दुबे के पहुंचने के बाद ही एंबुलेंस से उतारा जा सका शव
पुलिस को झेलना पड़ा पहाड़िया परिवारों का विरोध
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