कोचस. प्रखंड के विभिन्न हिस्सों में हो रही अगलगी की घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. हार्वेस्टिंग के बाद खेतों में लगी गेहूं की डंठल को जलाने वाले ऐसे किसानों को चिन्हित करने की कवायद शुरू कर दी गई है.इसकी जानकारी सीओ विनीत व्यास ने दी. उन्होंने बताया कि जागरूकता के बाद भी हार्वेस्टिंग के तुरंत बाद अधिकतर किसानों द्वारा बेवजह खेतों में पड़े डंठलों को जलाने की शिकायत लगातार प्राप्त हो रही है. किसानों के इस हरकतों से आये दिन ग्रामीण क्षेत्रों में अगलगी की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. इससे जान-माल की क्षति के साथ किसान अपने खेतों की उर्वरा शक्ति व पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. ऐसे किसानों को चिन्हित करने के लिए कृषि विभाग के साथ अंचलकर्मियों को लगाया गया है. जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही ऐसे किसानों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करते हुए उन्हें सरकार की ओर से मिलने वाली सारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जायेगा.गौरतलब हो कि पिछले दिनों खेत जलाने के दौरान डंठल से निकली चिंगारी की वजह से विभिन्न क्षेत्रों में हुई अगलगी की घटनाओं में सैकड़ों बीघा खेत में खड़ी गेहूं की फसल के साथ जान-माल को भारी नुक़सान पहुंचा था.
डंठल में आग लगाने वाले किसानों के विरुद्ध होगी कार्रवाई
हार्वेस्टिंग के बाद खेतों में लगे गेहूं के डंठल को जलाने वाले ऐसे किसानों को चिन्हित करने की कवायद शुरू कर दी गयी है.
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