वरीय संवाददाता, धनबाद,
विभिन्न बीमारियों का हवाला देकर लोकसभा चुनाव कार्य से नाम हटवाने के लिए आवेदन देने वाले सरकारी कर्मियों के लिए सिविल सर्जन कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित चौथे मेडिकल बोर्ड में भी ऐसे कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही. शुक्रवार को चुनाव कार्य से नाम हटवाने के लिए आवेदन देने वाले 50 कर्मियों को बुलाया गया था. इनमें से सिर्फ 30 सरकारी कर्मी ही मेडिकल बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत हुए. कोई पुराने जोड़ों के दर्द से परेशान था, तो कोई मिर्गी का हवाला देकर चुनाव कार्य से नाम हटवाने के लिए मेडिकल कराने पहुंचा था. कई मरीज ऐसे भी थे जिन्होंने लंबे समय से शूगर, बीपी होने का हवाला देते हुए चुनाव कार्य से नाम हटवाने के लिए आवेदन किया है. ज्ञात हो कि चुनाव कार्य से नाम हटवाने के लिए जिलेभर से 220 से ज्यादा सरकारी कर्मियों ने बीमारियों का हवाला देते हुए आवेदन किया है. इसके सत्यापन के लिए सीएस के नेतृत्व में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है.
अबतक सौ कर्मचारियों की हुई मेडिकल जांच:
सीएस कार्यालय में शुक्रवार को चौथी बार मेडिकल बोर्ड के तहत सरकारी कर्मियों की जांच की गयी. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार चार बार हुए बोर्ड में 155 कर्मचारियों को मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया था. लेकिन अब तक कुल सौ सरकारी कर्मी ही जांच के लिए पहुंचे.