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लोकसभा चुनाव: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के थे व्यापक इंतजाम, अर्धसैनिक बलों की भी की गयी थी तैनाती

जमुई सीट पर पांच विधानसभा क्षेत्रों में शाम चार बजे तक और शेखपुरा में शाम छह बजे तक मतदान हुआ. गया सीट पर तीन विधानसभा क्षेत्रों में शाम छह बजे तक और तीन विधानसभा क्षेत्रों में शाम चार बजे तक मतदान हुआ. नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम थे, अर्धसैनिक बल भी तैनात किये गये थे.

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बिहार के चार लोकसभा क्षेत्रों जमुई, गया, औरंगाबाद और नवादा में शुक्रवार को मतदान शांतिपूर्ण रहा. पहले चरण में ज्यादातर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने क कारण सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे. कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. हालांकि कुछ जगहों पर वोटरों द्वारा वोट बहिष्कार की घोषणा के कारण प्रशासन को वोट डलवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी. वहीं, दूसरी ओर कई बूथों पर इवीएम में खराबी की समस्या भी सामने आयी. तपती गरमी के बीच मतदाताओं में सुबह और शाम में वोट डालने के लिए खासा उत्साह दिखा.

जमुई लोकसभा. 1941 केंद्रों पर वोट, सात प्रत्याशी हैं मैदान में

पंकज, जमुई. जमुई सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र के लिए पहले चरण के लिए शुक्रवार को मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया. 1941 मतदान केंद्रों पर हुए मतदान में सात प्रत्याशियों का भाग्य इवीएम में कैद हो गया. लगभग 40 डिग्री तापमान के बीच प्रचंड गर्मी मतदाताओं को परेशान करती रही. सुबह में कुछ मतदान केंद्र पर इवीएम में गड़बड़ी होने पर इवीएम बदलना पड़ा. लोकसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित पांच विधानसभा सिकंदरा, जमुई, झाझा, चकाई, तारापुर विधानसभा में सुबह 7 बजे से अपराह्न 4 बजे तक वोट डाले गये, जबकि शेखपुरा विधानसभा क्षेत्र में सुबह 7 बजे से संध्या 6 बजे तक मतदान हुआ. शहरी से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान को लेकर उत्साह दिखा.

चौड़िहा में दंबंगों पर दबाव बनाने का लगा आरोप : जमुई विधानसभा के चौड़िहा मतदान केंद्र के समीप एक बुजुर्ग में दबंगों पर विशेष पार्टी के पक्ष में मतदान नहीं करने की बात कहने पर पिटाई करने का आरोप लगाया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच की. मौके पर लोजपा प्रत्याशी अरुण भारती भी पहुंचे.

शकुनी व सम्राट चौधरी ने भी किया वोट : उप मुख्यमंत्री सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने लखनपुर के मतदान केंद्र संख्या 73 पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. उनके पिता पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी ने लखनपुर के मतदान केंद्र संख्या 74 पर अपना वोट डाला. दोनों पिता-पुत्र का नाम अलग-अलग बूथों पर है. इधर स्थानीय विधायक राजीव सिंह ने बूथ संख्या 121 पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जबकि कांग्रेस के विधान पार्षद समीर कुमार सिंह बूथ संख्या 178 टेटिया बंबर प्रखंड के राजकीय बुनियादी विद्यालय मिल्की में वोट डाला.

25 िकमी दूर पड़ा बूथ,  तो नहीं गये वोटर :तारापुर विधानसभा के हवेली खड़गपुर के नक्सल प्रभावित पांच मतदान केंद्र को आयोग की स्वीकृति के बाद स्थानांतरित किया था, लेकिन मतदाता स्थानांतरित मतदान केंद्र पर वोट डालने नहीं पहुंचे. नक्सल प्रभावित भीमबांध जंगल के अंदर बने वन विभाग के विश्राम स्थल में जो मतदान केंद्र था, जिसे हटाकर 25 किलोमीटर दूर जमुई- खड़गपुर मुख्य मार्ग के गायघाट प्राथमिक विद्यालय शिफ्ट किया गया. शाम में प्रशासन के सहयोग से 184 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया.


गया लोकसभा. 14 प्रत्याशियों के भाग्य इवीएम में हुए बंद


कंचन, गया. 80 के दशक से नक्सलियों की धमक और निजी सेनाओं के प्रभाव वाला क्षेत्र रहे गया में वर्षों बाद शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. गया संसदीय क्षेत्र के तीन विधानसभा क्षेत्र गया शहर, बेलागंज व वजीरगंज में शाम छह बजे तक मतदान हुआ, वहीं तीन विस क्षेत्रों शेरघाटी, बाराचट्टी और बोधगया में शाम चार बजे तक मतदान की प्रक्रिया चली. प्रशासन की चुस्ती के बीच लोगों ने स्वत: निर्भीक होकर मतदान केंद्रों पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मैं ठीक 11 बजे बांकेबाजार प्रखंड की लुटुआ पंचायत के बाबूरामडीह गांव में था. यह कभी बिहार-झारखंड का आतंक का पर्याय माने जाने वाले नक्सली विजय यादव उर्फ संदीप यादव उर्फ नेताजी का गांव था. संदीप यादव इनामी नक्सली था, जिसकी लाश मिली थी. उसकी मौत बीमारी से हुई बतायी गयी थी. अब उसके गांव में उसके माता-पिता रहते हैं. पत्नी इमामगंज व भाई गया में रहता है. उसकी पत्नी, माता-पिता ने लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए अपने गांव के बगल के बूथ पर जाकर वोट डाले.


अब नक्सलियों का कोई खौफ नहीं : अतिनक्सल प्रभावित मोनवार, नागोवार, असुराइन आदि जगहों पर बिना किसी भय ग्रामीण वोट डाल कर अपने कामकाज में मशगूल दिखे. 2010 में विधानसभा चुनाव के दौरान बांकेबाजार के दीघासीन प्राथमिक विद्यालय में चुनाव ड्यूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मियों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. लेकिन, इस बार हुए चुनाव में उसी बूथ पर शांति से लोग वोट डाल रहे थे. जटही गांव के ब्रह्मदेव भोक्ता ने बताया कि अब उन्हें नक्सली तंग नहीं करते हैं. प्रशासन की आवाजाही काफी बढ़ गयी है.

सड़कों पर गश्त करती रही पुलिस : मोक में भी ग्रामीणों के बीच हल्की झड़प हुई, पर तुरंत ही मामला शांत हो गया. बेलागंज विधानसभा क्षेत्र के कोरमत्थु में वोट बहिष्कार के पोस्टर चिपकाये गये थे. कोइरी बिगहा मतदन केंद्र पर बोगस वोटिंग का मतदाता अखिलेश शर्मा व नारायण प्रसाद ने कड़ा विरोध किया. उन्हें टेंडर वोट देकर संतुष्ट किया गया. बाकी जगहों पर लगभग शांति ही रही. बाजार की दुकानें खुली थीं. वाहन भी चल रहे थे. यूं गया शहर में बाजार बंद रहा. लेकिन, सड़कों पर आवाजाही आम दिनों की तरह ही रही.


औरंगाबाद लोकसभा. नौ उम्मीदवार आजमा रहे हैं किस्मत

सुजीत कुमार सिंह, औरंगाबाद. नक्सलग्रस्त जिले का ठप्पा पा चुके औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने भीषण गर्मी व लू के बाद भी उत्साह के साथ मतदान किया. औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र के शहरी इलाके में मतदान के प्रति कुछ खास उत्साह नहीं दिखा. लेकिन, ग्रामीण इलाकों के बूथों पर सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतार लगी रही. हालांकि, शाम छह बजे तक मतदान प्रक्रिया होने की वजह से शाम ढलने के बाद वोटरों में उत्साह जगा और वे बूथ तक पहुंचे. नक्सल प्रभावित मदनपुर, रफीगंज, देव व कुटुंबा के ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था होने की वजह से निर्भिक होकर मतदाता बूथों तक पहुंचे. डीएम श्रीकांत शास्त्री व एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने हर बूथ पर नजर रखी.

देवी बिगहा में दो पक्षों में मारपीट : मलुकी बिगहा गांव के लोग जो पिछले एक वर्ष से वोट बहिष्कार की रणनीति पर काम कर रहे थे, उस गांव के भी मतदाताओं ने नजदीकी बूथ रामाबांध पर जाकर मतदान किया. मदनपुर प्रखंड के देवी बिगहा गांव में गड़बड़ी की बात पर दो पक्षों में मारपीट हुई, जिसमें कुछ लोग चोटिल हुए.

नेहुटा बूथ पर महज पड़े तीन वोट : सदर प्रखंड के नेहुटा बूथ पर वोट बहिष्कार का असर दिखा. यहां 944 मतदाता है, लेकिन मात्र तीन मतदाता ही  मताधिकार का प्रयोग कर सके. यहां के ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का ऐलान किया था. अधिकारियों ने समझाने की कोशिश भी की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे. ग्रामीण नल जल की व्यवस्था करने, कब्रिस्तान की ध्वस्त चहारदीवारी के अलावे नाली-गली निर्माण सहित अन्य कई मांग कर रहे थे. ग्रामीणों ने कहा कि वे अपनी मांगों पर सरकार व प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करा रहे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.

भाजपा व राजद के बीच कांटे की टक्कर : औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से वैसे तो नौ प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. लेकिन मुख्य मुकाबला एनडीए समर्थित भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी व निवर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह व महागठबंधन के राजद प्रत्याशी अभय कुमार सिन्हा के बीच था. जिस तरह से ग्रामीण मतदाताओं ने मतदान किया और शहरी मतदाताओं में उत्साह का माहौल कम दिखा उससे दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. हालांकि, दोनों ही पक्ष के लोग अपने जीत के दावे कर रहे हैं.


नवादा लोकसभा. 2043 केंद्रों पर वोट, आठ प्रत्याशी मैदान में

विशाल कुमार, नवादा. नक्सल प्रभावित कहे जाने वाले रजौली और गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र सहित लोकसभा क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों के 2043 मतदान केंद्रों पर मतदान शांतिपूर्ण रहा. सुबह 7:00 बजे से 10 बजे तक वोटिंग की प्रक्रिया तेज रही. दोपहर में ज्यादातर बूथ खाली रहे, इसके बाद शाम में एक बार फिर बूथों पर वोटरों की कतारें लंबी हो गयीं. जिला मुख्यालय के अलावा सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी वोटरों में उत्साह दिखा. जिला मुख्यालय में बनाये गये कंट्रोल रूम से सभी 14 प्रखंड के पांच विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी. चुनाव के बाद इवीएम को केएलएस कॉलेज में काउंटिंग सेंटर में रखा गया.

एसएलआर और 20 राउंड गोली गायब : पकरीबरावां प्रखंड के बूथ संख्या 234 राजोबिगहा गांव में समस्तीपुर से आये सिपाही उत्तम कुमार रावत की एसएलआर और 20 राउंड गोली गायब हो गयी. प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सिपाही उत्तम कुमार रावत को निलंबित करते हुए पकरीबरावां पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करके खोजबीन शुरू कर दिया है.

वारिसलीगंज-बरबीघा में वोट प्रतिशत बेहद कम : पिछली बार से भी कम वोट प्रतिशत प्रत्याशियों के चैन उड़ा दिये हैं. सवर्ण बहुल वारिसलीगंज व बरबीघा में वोट प्रतिशत कम है, जबकि रजौली, हिसुआ व नवादा में वोट का प्रतिशत कुछ बेहतर है. शहरी क्षेत्र में चुनावी छुट्टी का असर दिखा लोग काफी कम संख्या में बूथो तक पहुंचे. नवादा शहर में दो पिंक व दो आदर्श बूथ बनाये गये थे. इसके बावजूद वोटरों को बूथ तक लाने में वह भी सफल नहीं रहे. सुरक्षा को लेकर चुनाव में 38 कंपनियां तैनात की गयी थी. खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन कैमरे की मदद से निगरानी की गयी.

दो मतदान केंद्रों पर वोट बहिष्कार : नक्सल प्रभावित गोविंदपुर विधानसभा के दो मतदान केंद्रों पर वोट बहिष्कार किया. कौआकोल के बूथ संख्या 328 दरवा गांव के 20 वोटरों ने शाम में आकर वोट किया. जबकि, गोविंदपुर प्रखंड के बूथ संख्या 137 कोलाज गांव में ग्रामीणों ने एक भी वोट नहीं डाला. डीडीसी के अलावा अन्य वरीय अधिकारियों के समझाने के बाद भी रोड की मांग को लेकर ग्रामीणों ने वोट नहीं किया. वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर भी कई बूथों पर परेशानी दिखी.

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