रांची. पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने शुक्रवार को दूसरा झारखंड हेल्थकेयर शिखर सम्मेलन का आयोजन किया. इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में फार्मेसी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में काम करने की जरूरत है. इस सेक्टर के विकसित होने से लाभ मिलेगा. इस पर ध्यान देना होगा. पीएचडी चेंबर के अध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने कहा कि अपने मरीज के साथ वैसा ही व्यवहार करें, जैसा आप चाहते हैं कि अस्पताल में आपके इलाज के समय किया जाये. गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल के लिए डॉक्टर, नर्स आदि को एएलएस प्रशिक्षित किया जाना चाहिए.
स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती बनाना चाहिए
यूनिसेफ, झारखंड की प्रमुख डॉ कनिका मित्रा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को किफायती बनाया जाना चाहिए. क्यूरेस्टा ग्लोबल हॉस्पिटल के अध्यक्ष डॉ अविनाश कुमार ने कहा कि इलाज से बचाव बेहतर है. ब्लॉक स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने की जरूरत है. झारखंड के दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवा के लिए बुनियादी ढांचा नहीं है.
आयुष्मान योजना से मिली मदद
सिनर्जी ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ रजनीश शर्मा ने कहा कि 12 साल पहले स्वास्थ्य सेवा के लिए कुछ खास अस्पताल ही जाने जाते थे. लेकिन, आयुष्मान भारत योजना जैसी सरकारी पहल ने छोटे अस्पतालों को कम लागत पर बेहतर सेवा विकसित करने में मदद की. हम प्रश्नावली तैयार करके नर्सिंग सुविधाओं से छात्रों का प्रशिक्षण शुरू करते हैं, जो बेहतर उम्मीदवारों का चयन करने में मदद करते हैं. मौके पर मेडिका हॉस्पिटल के एवीपी डॉ अनिल कुमार, जेआइटीएम स्किल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक डॉ योगेश कुमार व पीएचडी चेंबर के सह अध्यक्ष डॉ एसपी अग्रवाल उपस्थित थे.