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कृमि हमारे शरीर के पोषक तत्व खा जाते हैं, साल में दो बार जरूर दवा लें : सिविल सर्जन

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन

चाईबासा. राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन-कृमि संक्रमण अस्वच्छता व संक्रमित मिट्टी के संपर्क में होता है

चाईबासा.

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) पर शुक्रवार को जिला स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय चाईबासा में सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल ने छात्राओं को एल्बेंडाजोल दवा खिला कर किया. सिविल सर्जन ने कहा कि आज भी लाखों लोग कृमि व इससे होनेवाली जटिलताओं से आक्रांत हैं. कृमि मनुष्य की आंत में रहते हैं. जीवित रहने के लिए मानव शरीर के पोषक तत्व को खाते हैं. कृमि संक्रमण अस्वच्छता व संक्रमित मिट्टी के संपर्क से संचारित होता है. इसके संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यक्तिगत साफ-सफाई, स्वच्छता व वर्ष में दो बार एनडीडी कार्यक्रम के दौरान स्वयं को डिवार्म (कृमि से मुक्ति) करना चाहिए.

स्कूलों व आंगनबाड़ी में 1-19 वर्ष के बच्चों को खिलायी जायेगी दवा

सिविल सर्जन से कहा कि सभी विद्यालयों में 6 वर्ष से 19 वर्ष के छात्रों को शिक्षक और आंगनबाड़ी केंद्रों में 1 से 5 वर्ष के बच्चों को सेविकाएं दवा खिलायेंगी. छूटे बच्चों को चिन्हित कर 26 अप्रैल 2024 को दवा खिलायी जायेगी. सभी शिक्षकों, सेविकाओं, सहिया और स्वस्थ कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

कृमि संक्रमण के लक्षण

भूख की कमी, खून की कमी, दस्त, पेट में दर्द, कमज़ोरी, बेचैनी, कुपोषण और बच्चों की वृद्धि में रुकावट. कृमि की जितनी अधिक तीव्रता होगी, लक्षण उतने अधिक होंगे.

कितनी दवा खानी है

1. 1 से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली चम्मच से चूर कर दें2. 2 से 5 वर्ष के बच्चों को एक गोली चम्मच से चूर कर दें.

3. 6 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली चबाकर स्वच्छ पानी के साथ( नोट : दवा प्रशासक अपने सामने ही खिलायेंगे.)

दवा बच्चों व व्यस्क के लिए पूरी तरह सुरक्षित

एल्बेंडाजोल की दवा बच्चों और व्यस्क दोनों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. इसका प्रयोग दुनियाभर में करोड़ों लोगों के कृमि संक्रमण के इलाज लिए किया जाता है. किसी तरह के अनुषंगी प्रभाव से निपटने के लिए प्रत्येक प्रखंड में रैपिड रिस्पॉन्स टीम बनी है. मौके पर सदर प्रखंड सीएचसी प्रभारी डॉ शिवचरण हांसदा, असहन फारूक, डॉ सुजाता महतो,डॉ संगीता, खुशबू कुमारी, जूलियानी पिंगुआ,अहसन फारूक, संजय सिन्हा, अवनीश कुमार सिन्हा, राज्य को-ऑर्डिनेटर संजय कुमार, रजनीश पूर्ति, विजय मरांडी, जयसिंह, चितरंजन, वार्डन सपना कुमारी दास, शिक्षिका विमला बिरुली आदि उपस्थित थे.

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