कमतौल.अहल्यास्थान में एक पखवाड़ा तक लगने वाले रामनवमी मेला लौह बाजार के लिए दूर-दूर तक जाना जाता है. इस मेले में लोहे से बने बर्तन, घरेलू व कृषि के उपयोग में आने वाले सामान, जांता-सिलौटी आदि की बिक्री होती है. स्थानीय सहित आसपास के कई गांव के लोग सालभर मेले की इन दुकानों का इंतजार करते हैं, ताकि वे अपनी जरूरत का सामान यहां से खरीद सकें. रामनवमी मेले 2024 की शुरुआत 17 अप्रैल को हुई. यह मेला अप्रैल के अंत तक रहेगा. मौसम मेहरबान रहा तो मई के पहले सप्ताह तक भी कई दुकानदार रहेंगे. इस वर्ष मेले में करीब दो दर्जन लोहे से बने उत्पादों की दुकानें हैं. लौह उत्पाद बेचने आए भड़वाड़ा शंकरपुर के एक दुकानदार ने बताया कि उनका परिवार 40 सालों से यहां मेले में लोहे के बने किचन के सामान, बर्तन कढ़ाई, चाकू, तलवार, चाकू, छोलनी के साथ कृषि के उपयोगी सामान जैसे कुदाल, टेंगारी, कुल्हाड़ी आदि बेचने आ रहे हैं. इन सभी सामानों को देवघर आदि जगहों से मंगाया जाता है. अभी इन सामानों को किलो के हिसाब से बेचा जाता है. वहीं खरीदारी करने आये धनंजय ठाकुर, शिवलाल शर्मा आदि ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में यह सामान आमतौर पर नहीं मिल पाता है. इस कारण लोग सालभर मेले का इंतजार करते हैं. रामनवमी मेले में यहां वे अपनी जरूरत के हिसाब से सामान की खरीदारी करते हैं. अहल्यास्थान रामनवमी मेले में अच्छी क्वालिटी के लोहे से बने हुए लोहे के सामान मिलते हैं, जो जल्दी खराब नहीं होते. इस कारण मेला घूमने आए लोग यहां से अपनी जरूरत के हिसाब से सामान ले जाते हैं.
अहल्यास्थान मेले में लोहे के सामान के उमड़ रहे खरीदार
कमतौल.अहल्यास्थान में एक पखवाड़ा तक लगने वाले रामनवमी मेला लौह बाजार के लिए दूर-दूर तक जाना जाता है.
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