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अच्छे अभियन्ता को हमेशा विनम्र और नैतिकता का करना चाहिए पालन: कुलपति

दरभंगा. डब्ल्यूआइटी की ओर से सेल्फ एस्टीम, सॉफ्ट स्किल्स और लाइफ स्किल्स विषय पर व्याख्यान का आयोजन जुबली हॉल में हुआ.

दरभंगा. डब्ल्यूआइटी की ओर से सेल्फ एस्टीम, सॉफ्ट स्किल्स और लाइफ स्किल्स विषय पर व्याख्यान का आयोजन जुबली हॉल में हुआ. कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने इंजीनियरिंग कॉलज की स्थापना के पीछे के कारणों एवं उसके महत्व को साझा किया. नयी शिक्षा नीति में उल्लेखित उदार शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला. कहा कि एक अच्छे अभियन्ता को हमेशा विनम्र और नैतिकता का पालन करना चाहिए. छात्राओं को निरंतर ज्ञान अर्जित करने और कौशल विकास के लिये तत्पर रहने की सलाह दी. संस्थान के विकास में पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया. शिक्षकों से कहा कि वे छात्राओं को एनपीटीइएल पोर्टल पर मूक्स तथा मैट लैब टूल्स कोर्स पर पंजीयन कराने की जानकारी छात्राओं को दें. कहा कि संस्थान में आवश्यकता के अनुसार उचित संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. प्रयोगशाला, भवन एवं आवश्यक सभी सुविधाएं मुहैया की जायेगी. समस्याओं का समाधान सही व्यवहार से कर बन सकते सफल भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो. निर्मल कुमार ने छात्राओं के व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक तत्वों का उल्लेख किया. कहा कि फिजिकल कोशेन्ट, इमोशनल कोशेन्ट, स्प्रीचयुल कोशेन्ट, सोशल इंटेलीजेंस के अनुरूप जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान सही व्यवहार एवं नजरिये से हल करके ही प्रतिस्पर्धी दुनिया में सफल बन सकते हैं. ज्ञान और कौशल विकास को निरन्तर बढ़ाने के लिए पीपीटी दिया. उन्होंने सिविल इंजीनियर्स को संसार का निर्माता, कम्फ्यूटर इंजीनियर्स को जादूई दुनिया का निर्माता, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स को शक्ति का निर्माता, संसार को चलाने में सहायक को मैकेनिकल इंजीनियर्स एवं संसार को जोड़ने वाले को इक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन इंजीनियर्स बताया. बेहतर संचार कौशल विकसित करें छात्राएं डिपार्टमेंट ऑफ मानविकी और समाजिक विज्ञान, आइआइटी रूड़की के प्रो. विनोद मिश्रा ने छात्राओं को अच्छा संचार कौशल विकसित करने की सलाह दी. कहा कि यह न सिर्फ मल्टीनेशनल कंपनियों में रोजगार प्राप्त करने में सहायक होगा, बल्कि उनकी सफलता का द्वार भी खोलेगा. डीसीई दरभंगा के गणित विभाग के डॉ रमण कुमार झा ने छात्राओं को चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए नई तकनीक सीखने की सलाह दी. इससे पूर्व संस्थान के निदेशक प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने परंपरानुसार अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने डब्लूआइटी के इतिहास और इसकी विशेषता के बारे में जानकारी दी. संचालन डॉ रश्मि कुमारी एवं छात्रा भव्या तथा श्वेता ने किया.

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