भागलपुर के शहरी क्षेत्र में 25 मैरेज हॉल का संचालन कर संचालक मालामाल हो रहे हैं, पर उनके पास ट्रेड लाइसेंस नहीं है. बिना ट्रेड लाइसेंस के मैरिज हॉल संचालन करने वालों पर नगर निगम प्रशासन सख्त हो गयी है. कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. फिलहाल, चिह्नित विवाह भवन के संचालकों को नोटिस भेज कर सप्ताह भर में लाइसेंस लेने की मोहलत दी है. बावजूद, इसके लाइसेंस नहीं लिया तो सीधे तौर पर विवाह भवनों को सील कर दिया जायेगा.
विवाह भवनों को सर्वे के दौरान चिह्नित किया गया है. इधर, हकीकत में देखा जाये, तो शहर के व्यवसायी ट्रेड लाइसेंस को लेकर उदासीन बने हुए हैं. निगम का कहना है कि मैरेज हॉल संचालकों को हर हाल में ट्रेड लाइसेंस लेना होगा. ट्रेड लाइसेंस प्रभारी देवेंद्र प्रसाद वर्मा ने बताया कि सर्वे के दौरान 25 मैरेज हॉल को चिह्नित किया गया है, जो बिना लाइसेंस के चल रहा है. सभी को नोटिस दिया है और सप्ताह भर के अंदर लाइसेंस लेने को कहा गया है. बावजूद, इसके लाइसेंस नहीं लेगा, तो विवाह भवन को सील कर दिया जायेगा.
तहसीलदार चुनावी कार्य में व्यस्त, विवाह भवनों का सर्वे ठप
विवाह भवनों का सर्वे के लिए निगम ने तहसीलदारों को लगाया है. 17 तहसीलदार को तीन-तीन वार्ड की जिम्मेदारी दी है. इस कार्य में वार्ड प्रभारियों का भी सहयोग लिया जा रहा है. तहसीलदारों को सर्वे कर रिपोर्ट सौंपना है. अबतक में उन सभी ने 70 फीसदी विवाह भवनों का सर्वे किया है. फिलहाल, चुनावी कार्यों में व्यस्त रहने की वजह से सर्वे कार्य ठप हो गया है. चुनाव के बाद बाकी बचे हुए 30 फीसदी सर्वे कार्य को पूरा करेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे. वार्ड वार विवाह भवनों की सूची तैयार की जा रही है.
ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य
नये मानदंडों के अनुसार अब विवाह भवन संचालन के लिए निगम से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है. सर्वे के दौरान इन भवनों के पास ट्रेड लाइसेंस होने या न होने की भी पड़ताल की जा रही है. बताया जाता है कि नगर निगम से अब तक 45 विवाह भवनों के संचालकों ने ही ऐसे लाइसेंस लिये हैं, जबकि, शहर में 150 से अधिक छोटे-बड़े विवाह भवन हैं.
विवाह भवनों के सर्वे में नोट की जा रही खामियां, अग्निशमन यंत्र रखना अनिवार्य
विवाह भवनों के सर्वे में वहां की खामियां भी देखी जा रही हैं और इसको नोट किया जा रहा है. इसमें यह भी देखी जा रही है कि विवाह भवन के रस्ते मानक के अनुसार चौड़ी है या नहीं. दरअसल, कई विवाह घनी आबादी वाले बीच मोहल्ले में चल रहे हैं, जहां पहुंच पथ की चौड़ाई मानक के अनुसार नहीं है.
निगम ने पहले ही बता दिया है कि संचालकों को ध्वनि मापक यंत्र भी लगाना अनिवार्य होगा. जिससे डीजे की तेज आवाज रिकॉर्ड कर रखी जा सके. आयोजन स्थल पर कपड़े से तैयार पंडाल व टेंट में आग लगने की आशंका को देखते उस पर तत्काल काबू पाने के लिए अग्निशमन यंत्र भी वहां रखना अनिवार्य किया गया है.