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परीक्षा विभाग के ऑटोमेशन की तैयारी में जुटा मिथिला विश्वविद्यालय

परीक्षा विभाग के ऑटोमेशन की तैयारी में जुटा मिथिला विश्वविद्यालय

प्रवीण कुमार चौधरी, दरभंगा. लनामिवि, परीक्षा विभाग के आटोमेशन की तैयारी में जुट गया है. कार्य को पूरा करने के लिये विवि ने फिलहाल छह महीने का लक्ष्य रखा है. परीक्षा विभाग का आटोमेशन करने के लिए छात्रों से संबंधित सभी अभिलेखों को डिजिटलाइज करना होगा. बताया जाता है कि वर्ष 2016 से पुराने अभिलेखों का डिजिटलाइज करने में कई तकनीकी बाधा सामने आ रही है. पूराने अभिलेखों की साफ्ट कापी उपलब्ध नहीं है. उपलब्ध अभिलेखों में से कुछ की हार्डकॉपी की स्थिति डिजिटलाइज करने योग्य नहीं है. विवि सूत्रों के अनुसार कई कालेजों के कई सत्र का दोनों टेबुलेटिंग रजिस्टर (टीआर) क्षतिग्रस्त हो चुका है. उन अभिलेखों का डिजिटलाइज कैसे किया जा सके, इसका विकल्प विवि को नहीं सूझ रहा है. उन अभिलेखों का कालेज प्रति भी बेहतर तथा विश्वसनीय स्थिति में नहीं है. छात्रों से जुड़े विवि के अन्य पुराने अभिलेख की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं बताई जा रही है. ऐसे में पुराने अभिलेखों को डिजिटलाइज किये बिना परीक्षा विभाग का पूर्ण रूप से अटोमेशन कर पाना विवि के लिए आसान नहीं होगा. समय के साथ चलने की अनिवार्यता एवं छात्रहित को देखते हुए विवि इस कार्य को पूरा करने की दिशा में पहल शुरू कर दी है. परीक्षा बोर्ड से प्रस्ताव को मिल चुकी है हरी झंडी परीक्षा बोर्ड से इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल चुकी है. बताया जाता है कि इस रास्ते में विवि को स्किल्ड वर्कर की कमी से भी जुझना पड रहा है. फिलहाल इस काम के लायक जानकार कर्मचारियों की कमी भी कार्य को गति देने में बाधा उत्पन्न कर रही है. बावजूद विवि अगर यह कार्य करने में सफल हो जाता है, तो इसका सीधा लाभ विवि एवं कालेजों के नये-पुराने सत्र के छात्रों को मिलेगा. इतना ही नहीं इससे परीक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी काफी राहत मिलेगी. छात्रों को विवि के चक्कर से मिलेगी मुक्ति बताया जाता है कि परीक्षा विभाग के आटोमेशन से पंजीयन प्रमाण पत्र, अंक पत्र, औपबंधिक प्रमाण पत्र, प्रव्रजन प्रमाण पत्र सहित अन्य आवश्यक प्रमाण पत्र लेने के लिये छात्रों को विवि का चक्कर लगाने की जरुरत नहीं होगी. छात्र- छात्रा जो जहां रहेंगे, वहीं से आनलाइन आवेदन कर सकेंगे तथा उन्हें आनलाइन प्रमाण पत्र भी मिल सकेगा. रिजल्ट, पंजीयन, प्रवेश पत्र आदि में सुधार से संबंधित कार्य भी आसान हो जाएगा. इसके लिए आनलाइन शिकायत तथा आनलाइन निदान होगा. बताया जाता है कि परीक्षा विभाग का आटोमेशन किया जाना मूल रुप से विवि का अपना डाटा सेंटर विकसित करने के लिये नींव का काम करेगा. आगे चलकर किसी एजेंसी पर आश्रित नहीं होकर विवि उस कार्य को खुद अपने स्तर से पूरा कर सकेगा. इससे विवि को आर्थिक बचत तो होगी ही, साथ ही परेशानी से भी मुक्ति मिल जाएगी. परीक्षा विभाग के आटोमेशन का काम थोड़ा धीमे ही सही, लेकिन चल रहा है. इसमें कुछ तकनीकी बाधाएं सामने आ रही है. उच्चाधिकारियों से विमर्श कर इसे दूर कर लिया जायेगा. कोशिश है कि छह महीने बाद छात्रों को परीक्षा विभाग से किसी बात की शिकायत नहीं रहे. प्रो.विनोद कुमार ओझा, परीक्षा नियंत्रक

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