– लाखों का राजस्व मिल रहा, लेकिन यात्री सुविधाओं का घोर अभाव- गर्मी व बारिश में पेड़ के नीचे वाहनों का इंतजार करते हैं यात्री-15 वर्ष पूर्व बनाया गया नया बस पड़ाव आज भी चालू नहीं
मुसाबनी.
प्रतिवर्ष लाखों का राजस्व देने वाले मुसाबनी बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं का अभाव है. यहां गर्मी और बरसात में यात्रियों को बिना यात्री शेड के खुले आसमान के नीचे बस का इंतजार करना पड़ता है. गर्मी के दिनों में यात्री बस के लिए पेड़ की छांव में बैठकर इंतजार करते हैं. जिससे प्रचंड गर्मी में परेशानी और बढ़ जाती है. वहीं, बस पड़ाव में यात्रियों के लिए पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं है. गर्मी के मौसम में पेयजल के लिए यात्री भटकते हैं. वहीं, बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं के लिए लगभग 15 वर्ष पूर्व बनाया गया नया बस पड़ाव आज भी चालू नहीं हुआ है. नया बस स्टैंड चालू नहीं होने से यात्री बसें मुख्य सड़क के किनारे खड़ी होती हैं, जहां से यात्रियों को चढ़ाते उतराते हैं. इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.सुलभ शौचालय में लटक रहा ताला
मालूम हो कि नये बस स्टैंड में बने सुलभ शौचालय में लंबे समय से ताला लटक रहा है. बस स्टैंड के पास अधिकांश शौचालय बंद हैं. इस बस स्टैंड से पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल, ओडिशा के अलावे रांची, चाईबासा, जमशेदपुर, बहरागोड़ा समेत कई जगहों के लिए बसों के साथ छोटे यात्री वाहनों का परिचालन होता है. बस स्टैंड से प्रतिदिन लगभग दो दर्जन यात्री बसें और लगभग तीन दर्जन छोटी यात्री वाहनों का परिचालन होता है. यहां लगभग 10 वर्षों से बस स्टैंड में सरकारी स्तर पर राजस्व की वसूली की जा रही है.
बस स्टैंड परिसर में गंदगी, सफाई की सुध नहीं
बारिश के मौसम में बस स्टैंड कीचड़ में तब्दील होता है. बस स्टैंड में यात्रियों को कीचड़ के बीच से ही यात्रा करना पड़ता है. बस स्टैंड में नियमित रूप से सफाई की कोई कारगर व्यवस्था नहीं है. बस स्टैंड परिसर में गंदगी है. यात्राओं को बस स्टैंड में मूलभूत सुविधाओं तथा सफाई के अभाव में परेशानी झेलनी पड़ती है. बस स्टैंड में यात्री शेड, पेयजल, शौचालय और सफाई की सुविधा की व्यवस्था करने में प्रशासन पूरी तरह से असफल है. बस स्टैंड में दो तोरण द्वार हैं. बस स्टैंड में चहारदीवारी नहीं है. बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है और यात्री, चालक और कर्मचारी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में परेशानी झेल रहे हैं.