रांची. झारखंड में एनडीए गठबंधन की तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है. भाजपा और आजसू साथ हैं. चुनावी मुहिम में भी साथ हैं. आजसू के खाते गिरिडीह की सीट गयी है. वहीं आजसू दूसरी सीटों पर भी अपनी ताकत लगा रही है. भाजपा और आजसू में तालमेल दिख रहा है. वहीं प्रदेश में जदयू और लोजपा की एनडीए से दूरी है. भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को एनडीए की बैठक में दोनों ही दलों को बुलाया, लेकिन इनका मिजाज गठबंधन में नहीं लग रहा है. फिलहाल चुनावी मुहिम से दूरी बनाये हुए हैं. इस बाबत जदयू के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद खीरू महतो से पूछने पर उन्होंने कहा कि पहले तो बैठक में बुलाते ही नहीं थे. मैंने यह बात दिल्ली तक पहुंचायी, इसके बाद मुझे पिछली बैठक में बुलाया गया. उन्होंने कहा कि जुटाने वाला ही तैयार नहीं है, तो हम कहां से जुटेंगे. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमसे कुछ पूछा नहीं गया. हमने अपने केंद्रीय नेतृत्व और भाजपा के लोगों से भी कह दिया है कि पहले बतायें कि विधानसभा के चुनाव में सीट देंगे या नहीं. इसके बाद ही आगे की बात होगी. श्री महतो ने कहा कि जदयू झारखंड में 2000 से 2009 तक बड़ी ताकत था. हमारे 11 विधायक हुआ करते थे. आज सात सीटें भाजपा के पास चली गयी. तीन कांग्रेस के पास है और एक झामुमो के पास है. विधानसभा में भी लोकसभा की तरह हमारे साथ व्यवहार होगा, तो मैं कार्यकर्ता को क्या जवाब दूंगा. श्री महतो ने कहा कि सब कुछ भाजपा को तय करना है. लोकसभा क्षेत्र से हमारे समर्थक पूछते हैं कि क्या किया जाये. हम अपने राष्ट्रीय नेताओं से मार्गदर्शन ले रहे हैं.
एनडीए गठबंधन में भाजपा-आजसू साथ, जदयू-लोजपा की भागीदारी गौण
झारखंड में एनडीए गठबंधन की तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है. भाजपा और आजसू में तालमेल दिख रहा है. वहीं प्रदेश में जदयू और लोजपा की एनडीए से दूरी है.
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