रांची. मारवाड़ी कॉलेज में शनिवार को अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) का प्रतिनिधिमंडल प्राचार्य डॉ मनोज कुमार से मिला. प्राचार्य से बायोटेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों की समस्याओं को दूर करने की मांग की गयी. कॉलेज अध्यक्ष विशाल कुमार ने प्राचार्य से कहा कि कॉलेज और विवि प्रशासन की लापरवाही के कारण बॉयोटेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है. जब इन विद्यार्थियों ने कॉलेज में एडमिशन लिया था, तब ये ऑटोनोमस था, लेकिन 2022 में ऑटोनोमी वापस हो गयी और 2024 में फिर इसे बहाल किया गया. ऑटोनोमस के सिलेबस के अनुसार, विद्यार्थियों को केमिस्ट्री का पेपर पढ़ना था, वहीं विवि के सिलेबस में इन्हें एनवायरमेंटल साइंस पढ़ना था. विवि प्रशासन ने सेमेस्टर फोर की परीक्षा में इवीएस पढ़ाकर उसकी परीक्षा ले ली. वहीं बॉयोटेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों का कहना है कि बॉयोटेक्नोलॉजी विषय में एक पेपर केमेस्ट्री का आवश्यक है, इसे पढ़े बिना वह आगे पीजी की पढ़ाई के लिए एलिजिबल नहीं होगे. ऐसे में कॉलेज और विवि प्रशासन विद्यार्थियों के हित में केमिस्ट्री पेपर की परीक्षा आयोजित कराये. वहीं प्राचार्य ने कहा कि विवि के कुलपति और परीक्षा नियंत्रक से बात कर विद्यार्थियों के हित में केमिस्ट्री विषय की परीक्षा करवाने का प्रयास करेंगे. आजसू छात्र संघ ने कहा कि अगर जल्द मांग पूरा नहीं की जाती है, तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
बायोटेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों की समस्या दूर करने की मांग
मारवाड़ी कॉलेज में शनिवार को अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) का प्रतिनिधिमंडल प्राचार्य डॉ मनोज कुमार से मिला.
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