विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष, लोगों ने कहा-व्यक्तिगत व सामूहिक स्तर पर किया जाये पौधरोपण मुजफ्फरपुर. पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहां जीवन है. लेकिन यह पृथ्वी मनुष्य के स्वार्थों के कारण आज खतरे में है. प्राकृतिक संसाधनाें के अत्यधिक दोहन व पेड़ों की कटाई से जीवन असंतुलित हो गया है. हम सब अब भी जागरूक नहीं हुए तो पृथ्वी को लंबे समय तक बचाना मुश्किल होगा.धरती को हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाये रखने के लिए दुनिया के सभी देशों को ठोस नीति बनानी होगी, ताकि धरा पर पर्यावरण संतुलित रह सके. व्यक्तिगत तौर पर भी हम सभी को नियमित अंतराल पर पौधरोपण करना होगा और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना चाहिए. हम सभी जब सजग होंगे तभी धरती पर पर्यावरण संरक्षित रह सकता है. विश्व पृथ्वी दिवस पर यहां छात्रों व प्राध्यापकों के विचार रखे जा रहे हैं. सामाजिक स्तर पर बढ़ाना होगा पौधरोपण पर्यावरण की रक्षा के महत्त्व को समझ कर ही पृथ्वी को बचाया जा सकता है. हमें अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए इस काम में भागीदार बनना होगा. सामाजिक स्तर पर हमें पौधरोपण को बढ़ावा देना होगा और प्लास्टिक का प्रयोग बंद करना होगा. प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग पर भी संयम बरतना होगा. पृथ्वी सभी जीवों का घर है. इसकी सुरक्षा करना यहां रहने वाले प्रत्येक नागरिक का दायित्व है. हम अगर अपनी आदतों में सुधार नहीं लायेंगे तो पृथ्वी अपनी आयु से पहले ही समाप्त हो जायेगी. अब भी समय है, हम जागरूक हों और पृथ्वी को बचाने के लिए समेकित रूप से प्रयास करें. – आदित्य आनंद, प्रतियोगी छात्र नदियों व झीलों को प्रदूषण से बचायें, करें संरक्षण मनुष्य के जीवन में पृथ्वी के साधनों की अहम भूमिका है. आधुनिक जीवन में बढ़ती जनसंख्या के साथ नई चीज़ों का आविष्कार हो रहा है, जिससे मनुष्य को लाभ तो हो ही रहा है लेकिन पृथ्वी प्रदूषित भी हो रही है. फैक्टरियों से गंदगी सीधे नदियां या झील में बहाई जाती है. इससे जल प्रदूषित होता है. गाड़ियों से निकलता काला धुआं वायु को प्रदूषित करता है. हमें धरा को स्वच्छ रखने के लिए जल का सदुपयोग करना चाहिए व आस-पास की गंदगी को हटाकर साफ रखना चाहिये. जितना संभव हो, उतना पौधे रोपना चाहिये. दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिये, – अनन्या, इंटर छात्रा, शास्त्री नगर सप्ताह में एक दिन लगायें पौधे, हरी-भरी रहेगी पृथ्वी हम अपने पर्यावरण को हरा-भरा रखेंगे तो तभी धरती बची रहेगी. हमें व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर कई काम करने की जरूरत है. सप्ताह में एक पौधा जरूर लगाना चाहिये. प्रदूषण नहीं हो, इसके लिए सरकारी गाइड लाइन का पालन किया जाना चाहिये. अपने आसपास सफाई रखनी चाहिये. नदियों का जल प्रदूषित नहीं करना चाहिये. प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के अधिक दोहन के कारण पृथ्वी पर तापमान असंतुलित हो गया है. इस पर हम सभी ध्यान नहीं देंगे तो धरती को बचाना मुश्किल होगा. हमलोगों को पृथ्वी को बचाने के लिए संकल्पित होना चाहिये. – सगुन चौधरी, बीकॉम छात्रा, जेल चौक प्रदूषण नियंत्रण पर सरकार बनाये ठोस नीति 22 अप्रैल, 1970 को पहली बार पृथ्वी दिवस मनाने की घोषणा की गयी थी. आज 54 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन पृथ्वी के संरक्षण के विश्व स्तर पर कोई ठोस प्लान नहीं बन पाने से चिंताजनक हालात में हम पहुंच चुके हैं. प्राकृतिक संसाधनाें के अत्यधिक दोहन और प्रदूषण के कारण आपदायें आ रही हैं. तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है. यह संकेत है कि हमारी पृथ्वी खतरे में है. यदि हम सभी अब भी सचेत नहीं हुए तो पृथ्वी को बचाना मुश्किल होगा. हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी इसके लिए पहल करने की जरूरत है. हमें पौधरोपण तो करना ही चाहिये, साथ ही पर्यावरण को बचाने के लिए प्रदूषण को भी नियंत्रित करना चाहिये. – प्रो अर्जुन सिंह, सहायक प्राध्यापक, भूगोल विभाग, पंडित वाइकेजे कॉलेज
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प्रदूषण पर रोक, पौधरोपण व पर्यावरण संरक्षण से बचेगी धरती
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