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Interview: लालू यादव को भाजपा से नहीं, राहुल गांधी से खतरा : सम्राट चौधरी

Interview: लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान खत्म हो चुके हैं. अब 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होगा. एनडीए ने पहले चरण की सभी चार सीटें और बाकी की 36 सीटें जीतने का दावा किया है. एनडीए जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम के आधार पर वोट मांग रहा है, वहीं महागठबंधन खासकर राजद भी लोगों के बीच 17 महीने में लाखों नौकरी देने के दावे के साथ मैदान में हैं. इसके अलावा राजद ने जाति समीकरण की बिसात भी बिछायी है. ऐसे में चुनावी व्यस्तता के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से प्रभात खबर के राजनीतिक संपादक मिथिलेश और ब्यूरो संवाददाता सुमित कुमार ने खास बातचीत की. प्रस्तुत है उस बातचीत के प्रमुख अंश…

Interview : पहले चरण का मतदान खत्म हो गया है, चुनाव किस ओर जाता दिख रहा है

सम्राट : चुनाव का नतीजा साफ है. लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम और उनके नाम पर वोट कर रहे हैं. उम्मीदवार कौन हैं, किस दल के हैं , किस जाति के हैं, यह कोई मसला नहीं है. हम पहले चरण की चार सीटों के अलावा राज्य की सभी चालीस सीटें अच्छे मार्जिन से जीत रहे हैं. केंद्र सरकार ने युवा,गरीब, महिलाएं और किसानों के हित में जो काम किया है,उसका लाभ हमें मिलता दिख रहा है. देश को पहली बार जनता के प्रति इतना कमिटेड प्रधानमंत्री मिला है. जहां तक राजद की बात है, तो लालू प्रसाद को भाजपा से नहीं, उन्हें कांग्रेस और राहुल गांधी से खतरा है.

सवाल : कम मतदान होना एनडीए के लिए कितना नुकसानदायक है

सवाल : इसका सबसे बडा कारण तीखी धूप और पानी का नहीं होना है. वोट कम होना चिंता का विषय है. लेकिन,भाजपा और एनडीए के वोट कमिटेड थे. हमारे वोट में कमी नहीं आयेगी. जहां तक महागठबंधन के दावे की बात है, तो देखिए यहां लड़ाई 80 और 20 का है. महागठबंधन के पास ज्यादा वोट कौन सा है. मतदान यदि थोड़ा कम भी हुआ है, तो उसका नुकसान एनडीए को नहीं होगा. उनके समीकरण में कोई नया वोट नहीं जुड़ा है. वहीं, हमारे वोटरों ने काफी उत्साह दिखाया है.

सवाल : चुनाव का मुद्दा क्या है? एनडीए किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच गया है?

सम्राट : विकास, विकास और सिर्फ विकास. यही हमारा चुनावी मुद्दा है. केंद्र सरकार के काम में युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार का मसला है. बिहार में नीतीश कुमार की हमारी सरकार ने जो काम किये हैं, मुख्यमंत्री ने सरकारी नौकरियां दी हैं, वही चुनावी मुद्दा है. युवाओं को एनडीए का मुद्दा खूब भा रहा है. प्रधानमंत्री ने गरीबों के कल्याण के लिए कई काम किये हैं. व्यक्तिगत रूप से हरेक परिवार को लाभ मिला है. चाहे मुफ्त अनाज योजना हो या किसान सम्मान निधि या फिर लखपति दीदियों की बात हो, प्रधानमंत्री के विजन से देश के लोगों को लाभ मिला है. बिहार में हम इन्हीं मुद्दों के साथ हैं.

सवाल : महागठबंधन के दावों को आप किस रूप में देखते हैं.

सम्राट : महागठबंधन के पास न कोई विजन हैं और न कोई वोट उनके समीकरण में जुट पाया है.उनके सारे सपने टूटेंगे. बिहार में कमल खिलेगा और एनडीए की सरकार बनेगी. राजद के नेता लालू प्रसाद कांग्रेस की गोद में बैठे हैं, जिसने उन्हें सड़क पर ला कर छोड़ दिया है. जहां तक उनके दावों की बात है, तो राजद लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव का माहौल बनाने में लगा है. उसे लगाता है कि इस चुनाव में कुछ बिरादरी के उम्मीदवार दे देने से उसे समर्थन मिल जायेगा. पर,ऐसा नहीं है. बिहार के लोग खासकर पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के मतदाता लालू प्रसाद और उनकी सरकार को याद रखे हुए हैं.

सवाल : बिहार में चुनाव की क्या स्थिति रहेगी

सम्राट : हम चालीस की चालीस सीट जीतेंगे. एनडीए को सभी तबके का वोट मिला है. आगे भी मिलेगा. नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नाम पर बिहार की जनता ने हमें वोट किया है और आगे सभी छह चरणों में हमें उनका पूरा समर्थन मिलेगा. सभी सीट पर एनडीए आगे चल रहा है. उनका दावा पूरी तरह फेल होगा.

सवाल : महागठबंधन के संविधान बदलने के आरोप में कितनी सच्चाई है, क्या विपक्ष के इस आरोप का जनता के बीच कोई प्रभाव पड़ेगा ?

सम्राट: बिलकुल नहीं. विपक्ष की बात कोई नहीं सुन रहा. मैं यह कह रहा हूं कि प्रधानमंत्री तो दूर, स्वयं बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर भी रहते, तो संविधान कोई नहीं बदल सकता. यह राजद और लालू प्रसाद का प्रोपेगेंडा है, जिसे राज्य और देश की जनता जान और समझ चुकी है. लालू प्रसाद आरक्षण विरोधी हैं. अपने पंद्रह साल के शासनकाल में उन्होंने किस वर्ग को आरक्षण दिया. 1990 में जब मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू हुई, उस समय भाजपा केंद्र सरकार को अपना समर्थन दे रही थी. कांग्रेस नें उस समय इसका विरोध किया था. आज लालू प्रसाद और उनका पूरा परिवार उसी आरक्षण विरोधी कांग्रेस की गोद में बैठा है. भाजपा और एनडीए आरक्षण के प्रति कमिटेड हैं. इतिहास को जानना होगा. लालू प्रसाद के बाेलने से कोई प्रभाव नहीं पडने वाला है. राज्य की जनता को बताएं कि उन्होंने कब और किस वर्ग को आरक्षण दिया है. लालू प्रसाद को बताना चाहिए कि उन्होंने अपनी बेटी मीसा भारती का नाम मीसा क्यों रखा. बिहार में गुंडा राजनीति के प्रतीक लालू प्रसाद हैं. उन्होंने अपराधी, भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को संरक्षण दिया और अब उन्हें चुनाव में उतारा है.

सवाल : बिहार में विशेष राज्य का दर्जा एक मुद्दा रहा है, इस पर आप क्या कहेंगे?

सम्राट : पंद्रहवें वित आयोग की सिफारिश के बाद ऐसा सीन नहीं दिख रहा है. जब लालू प्रसाद किंग मेकर की भूमिका में रहे, तब उन्होंने क्यों नहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाया. एनडीए की सरकार में चाहे जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहें, उस समय भी बिहार को विशेष पैकेज दिया गया. नरेंद्र मोदी की सरकार ने भी बिहार को विशेष पैकेज दिया है. लालू प्रसाद एक उदाहरण तो दें कि उन्होंने कौन सा बड़ा काम किया है.

सवाल : बिहार में ओवर ऑल क्या सीन दिख रहा है, एनडीए को आप कहां पाते हैं ?

सम्राट : नीतीश कुमार के साथ और उनके काम तथा प्रधानमंत्री के काम के आधार पर हम पूरे दावे के साथ कह रहे हैं कि बिहार में चालीस की चालीस सीटें एनडीए को मिलेंगी. हम सभी सीटें जीतेंगे. महागठबंधन का खाता भी नहीं खुल पायेगा.

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