संवाददाता,पटना पटना जिले में पानी का स्रोत बढ़ाने के लिए नये पोखर व तालाब का निर्माण कर उसे विकसित किया है. साथ ही पहले से बने कुआं व पोखर पर अतिक्रमण हटा कर उसका जीर्णोद्वार किया गया है. जिले में 715 नये जल स्रोत विकसित किये गये. इसमें इसमें निजी जमीन पर खेत पोखर के अलावा नये तालाबों का निर्माण किया गया. निजी भूमि पर 495 खेत पोखर का निर्माण हुआ है. इसके अलावा 199 नये तालाब का निर्माण हुआ है. बचे हुए 21 तालाबों का निर्माण काम चल रहा है.नये-नये तालाबों का निर्माण कर मछली पालन में उसका उपयोग कर रोजगार के अवसर बढ़ाये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली मिशन के तहत जिले में काम हुआ है. इससे रोजगार बढ़ने के साथ कमाई हो रही है. मिशन के तहत 1105 पुराने तालाबों व कुओं पर से अतिक्रमण हटा कर उसका जीर्णोद्धार किया गया है.जानकारों के अनुसार बचे हुए 64 तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा कर उसका जीर्णोद्धार किया जायेगा.इसके लिए तालाबों की सूची बना कर प्रखंडों को उपलब्ध करायी गयी है.दानापुर व मसौढ़ी में पांच-पांच, बख्तियारपुर,धनरूआ, फतुहा व बाढ़ में चार-चार, बिक्रम में तीन, बेलछी में दो,दुल्हिन बाजार, मनेर, पटना सदर, फुलवारीशरीफ व संपतचक में एक-एक तालाब पर से अतिक्रमण हटाना है. प्रखंडों में 366 कुओं को अतिक्रमण मुक्त करा कर जीर्णोद्धार किया गया है.जल जीवन हरियाली अभियान में 11 अवयवों पर काम हो रहा है.इसमें 13 विभाग मिल कर काम कर रहा है.
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एक वर्ष में 715 नये जल स्रोत का हुआ निर्माण
जिले में 715 नये जल स्रोत विकसित किये गये.
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