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भगवान महावीर को सिर्फ जानें ही नहीं, जीएं भी : जिनेश कुमार

युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में 2623 वां भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव का भव्य आयोजन

कोलकाता. युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में 2623 वां भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव का भव्य आयोजन श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, कोलकाता द्वारा महासभा भवन में किया गया. इस अवसर पर वृहत्तर कोलकाता से बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे. इस अवसर पर उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए मुनि श्री जी ने कहा-भगवान महावीर अध्यात्म के महासूर्य, समता के महान साधक, करूणा के सागर व अप्रतिम ज्ञान के धारक थे. उनका संयम श्रेष्ठ व साधना अनुत्तर थी. वे ज्योतिर्धर पुरुष व अतींद्रिय चेतना के धनी थे. उनका जीवन असाधारण विशेषताओं का समवाय था. वे जन्म से तीन ज्ञान के धारक थे. राजवंशीय व भौतिक वातावरण में जन्म लेने के बावजूद भी वे विलासिता से बहुत दूर थे. घर में रहते हुए भी उन्होंने अनासक्ति, अनावेश, अनुग्रहीत अनाकांक्षा का जीवन जीया.

भगवान महावीर अहिंसा के महास्रोत थे. उनकी अहिंसा सुक्ष्म एवं सभी जीवों का कल्याण करनेवाली है. उनके तीन सिद्धांत अहिंसा, अनेकांत और अपरिग्रह जगत को शांति की राह दिखलाने वाले हैं. मुनि श्री ने आगे कहा- महावीर जयंती मनाना तभी सार्थक होगा, जब हम समाज में व्याप्त बुराईयों को दूर करने का संकल्प लेंगे. महिलाएं फैशन और पुरुष व्यसन से बचें. समानता, उपशमशीलता, श्रमशीलता श्रमण शब्द के विशेष अर्थ है. केक काटकर जन्म दिन मनाना सांस्कृतिक पतन है. अपना जन्म दिन व उत्सव जैन संस्कृति के अनुरूप होना चाहिए. लोग कहतें हैं महावीर आउट ऑफ डेट है, किंतु संत कहते हैं महावीर आज भी अप टु डेट हैं. महावीर को सिर्फ जानना और मानना ही नहीं है, उन्हें जीना भी है. आज जन्म कल्याणक पर सभी सश्रद्धा उनका स्मरण करें.

इस अवसर पर बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया. कार्यक्रम का शुभारंभ मध्य कोलकाता तेरापंथ महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण से हुआ. स्वागत भाषण श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा कोलकाता के अध्यक्ष अजय भंसाली ने दिया. इस अवसर पर कोलकाता मेन तेयुप के अध्यक्ष ऋषभ सुराणा एवं तेप्रोफो कोलकाता जनरल की अध्यक्षा खुशबु नाहटा ने भी अपने विचार व्यक्त किये. आभार ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक विजय बावलिया ने व संचालन मुनि श्री परमानंद जी ने किया. इस अवसर पर बाली बेलुड़-हिंदमोटर, लिलुआ, पूर्वांचल, साउथ कोलकाता, टाॅलीगंज, उत्तर हावड़ा, साउथ हावड़ा एवं साॅल्टलेक सभा क्षेत्रों की ज्ञानशालाओं ने अपनी-अपनी लघु नाटिकाओं के माध्यम से ज्ञानवर्धक प्रस्तुतियां दी. ज्ञानशाला बच्चों की झांकियां एवं प्रस्तुतियों ने सभी को मोहित कर दिया. प्रस्तुतियों के परिणाम घोषित किये गये, जिनमें प्रथम उत्तर हावड़ा, द्वितीय साउथ हावड़ा तथा तृतीय टाॅलीगंज सभा रही. झांकियों की प्रस्तुति में सहभागिता दर्ज करवाने वाले सभी सभा क्षेत्रों को मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के पूर्व में अहिंसा रैली का आयोजन हुआ. तीन स्थानों- हावड़ा नटराज होटल, हरियाणा भवन तथा मित्र परिषद से सुबह लगभग 7:30 बजे रैलिया प्रारंभ होकर महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव को मनाने हेतु महासभा भवन पहुंचीं. रैली में वृहत्तर कोलकाता के श्रावक श्राविकाओं की अच्छी संख्या में उपस्थिति रही.

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