बेला. सरकारी स्कूलों में एमडीएम योजना लूट का एक बड़ा जरिया बना हुआ है. बराबर एमडीएम की राशि और चावल के लूट के खेल का खुलासा होता रहा है. इस लूट में एमडीएम योजना से जुड़े कई अन्य कर्मी भी संलिप्त रहे है. यानी सिर्फ प्रधान शिक्षक ही, बल्कि पूरी सुनियोजित तरीके से लूट को अंजाम दिया जाता है. ताजा मामला थाना क्षेत्र के मिडिल स्कूल, शिवनगर का है, जहां के प्रधान शिक्षक एमडीएम में लूट की हद ही पार दिए हुए थे. पहले उनके वेतन भुगतान पर रोक लगाई गई थी और अब प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. ताजा कार्रवाई करने में डीईओ और एमडीएम के डीपीओ को करीब छह माह लग गए है. मामला है कि उक्त स्कूल के शिक्षा समिति के अध्यक्ष रामनाथ चौधरी ने डीपीओ, एमडीएम से शिकायत की थी कि प्रधान शिक्षक 80 फीसदी बच्चों की हाजिरी बनाते है, जबकि 50 फीसदी बच्चे ही मौजूद रहते है. प्रधान शिक्षक एमडीएम के चावल/राशि का घोटाला कर लेते है. शिकायत अक्तूबर- 23 में ही की गई थी. डीपीओ ने इसकी जांच कराई. निरीक्षण के दिन पाया गया कि एमडीएम पंजी में 333 बच्चों की उपस्थिति का जिक्र है, जबकि मौजूद थे मात्र 158 बच्चे. रिपोर्ट के आलोक में डीपीओ, एमडीएम ने 10 अक्तूबर 23 को प्रधान शिक्षक से स्पष्टीकरण पूछा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नही दिया.
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एमडीएम के चावल व राशि के गबन में प्रधान शिक्षक पर प्राथमिकी
रकारी स्कूलों में एमडीएम योजना लूट का एक बड़ा जरिया बना हुआ है. बराबर एमडीएम की राशि और चावल के लूट के खेल का खुलासा होता रहा है.
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