बेनीपुर. समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रखंड मुख्यालय में स्थापित बुनियाद केंद्र की बुनियाद खुद खोखली होती जा रही है. विदित हो कि वृद्धजन, दिव्यांग, विधवा, नि:शक्त लोगों को बेहतर व सहज चिकित्सा के साथ कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापित बुनियाद केंद्र में कर्मी, तकनीशियन के अभाव में लोगों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है. इस कारण अब जरूरतमंद यहां आने से परहेज करने लगे हैं. परिणाम स्वरूप विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये अत्याधुनिक उपकरण धूल व धूप की भेंट चढ़ रहे हैं. यहां तकनीशियन सहित एक दर्जन कर्मियों का पद सृजित है, लेकिन सभी विभाग आज भी खाली पड़े हैं. इस कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. सोमवार को आंख व मानसिक रोग से ग्रस्त कई वृद्ध व दिव्यांग को केंद्र से बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ा. बुनियाद केंद्र में तैनात एक कर्मी ने बताया कि प्रबंधक सहित मूक-बधिर एवं मनोचिकित्सक के सात पद रिक्त हैं. उन्होंने बताया कि प्रबंधक सहित विभिन्न विभाग में तकनीशियनों को बिरौल बुनियाद केंद्र से यहां प्रतिनियुक्ति किया गया है, जो सप्ताह में दो दिन यहां आते हैं. फलस्वरूप केंद्र संचालन की खानापूरी ही हो रही है. बुनियाद केंद्र स्थापना का उद्देश्य वृद्धजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ दिलाने के लिए मार्गदर्शन देना, वाक व श्रवण संबंधी जांच व समाधान, फिजियोथैरेपी सेवाएं एवं सहायक उपकरण के लिए मार्गदर्शन एवं बीपीएलधारी को मुफ्त में श्रवण यंत्र का वितरण करना है, लेकिन अधिकांश पद रिक्त रहने के कारण लोगों को इन सबका लाभ नहीं मिल रहा है.
कर्मी व तकनीशियन के अभाव में बुनियाद केंद्र का नहीं मिल रहा समुचित लाभ
समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रखंड मुख्यालय में स्थापित बुनियाद केंद्र की बुनियाद खुद खोखली होती जा रही है.
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